ब्रसेल्स, 31 मार्च, आतंकवाद से निपटने में वैश्विक स्तर पर संयुक्त प्रयास की कमी पर निराशा व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंचे श्री मोदी ने कल रात भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद के खात्मे के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की है और न ही उसने अब तक कोई उचित हल बताया है। उन्होंने साथ ही मौजूदा परिदृश्य में संरा के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि जो संस्था मौजूदा स्थितियों के अनुकूल व्यवहार नहीं करती और खुद को उसके अनुरूप नहीं ढालती तो उसके असंबद्ध होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 40 साल से आतंकवाद को झेला है लेकिन जब तक अमेरिका पर हमला नहीं हुआ तब तक पूरी दुनिया में कहा जाता रहा कि भारत कानून व्यवस्था की समस्या से जूझ रहा है। भारत ने कभी आतंकवाद के सामने घुटने नहीं टेके। उन्हाेंने कहा कि आतंकवाद से गंभीर खतरा होने के बावजूद आतंकवाद की परिभाषा के स्पष्ट न होने और उस पर सहमति न बन पाने की वजह से देशों ने इसका समुचित जवाब नहीं दिया है। ‘अच्छा आतंकवाद’ और ‘बुरा आतंकवाद ’ जैसे शब्दों ने इसे और मजबूती दे दी । धर्म को आतंकवाद से अलग कर देखने की जरूरत पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने कई वैश्विक नेताओं से बात की है कि और हाल में भारत की राजधानी नयी दिल्ली में आयोजित वैश्विक सूफी सम्मेलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान उदारवादी इस्लामी विद्वानों ने आतंकवाद को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि इसी दृष्टि से कट्टरपंथ पर रोक लगायी जा सकती है और आतंकवाद के खात्मे के लिए सही माहौल बनाने की जरूरत है।
पड़ोसी देशों के प्रति भारत की नीति के बारे में बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि बंगलादेश से सीमा समझौता इस बात का उदाहरण है कि किस तरह विवादित मुद्दों को शांति से सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बेल्जियम के लोगों के दुख और शोक में शामिल हैं । उन्होंने हमले में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि भारत बेल्जियम के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की साझा चुनौती से निपटने के लिए पारस्परिक विधिक सहयोग संधि पर बातचीत पुन: शुरू करने तथा प्रत्यपर्ण संधि तथा सजायाफ्ता कैदियों के आदान प्रदान संबंधी संधि को तार्किक परिणति तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया के 90 देश किसी न किसी आतंकी घटना के शिकार हुए। हजारों लोगों ने अपनी जानें गंवाई है। आतंकवाद किसी एक देश की चुनौती नहीं है बल्कि यह पूरे विश्व के लिये एक गंभीर चुनौती है। इस समय आतंकवाद पूरी मानवता को चुनौती दे रहा है। इसीलिये मानवता में विश्वास करने वाली दुनिया की सारी शक्तियों का एक साथ मिलकर आतंकवाद से मुकाबला करना होगा। श्री माेदी ने कहा कि युद्ध में भारत ने जितने जवानों को नहीं गवाया, उससे ज्यादा जवान आतंकवाद की गोलियों से शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ बम, बंदूक से आतंकवाद को नहीं रोका जा सकता। हमें समाज में एक माहौल तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि जब धरती पैरों के नीचे से हिलने लगी तब दुनिया को पता चला कि आतंकवाद क्या होता है।
विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय को भारत का ‘लोकदूत’ कहते हुए श्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने प्रवासी भारतीयों के लिए कई निर्णय लिए हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास की कहानी का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी एप पर भारत-बेल्जियम रिश्ते के बारे में मिले सुझावों के बारे में भी बताया। श्री मोदी ने कहा कि इस समय विश्व अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है और एक अाम धारणा के रुप में सभी एक आशा की किरण लिये भारत की अोर देख रहे हैं क्योंकि इस समय भारत दुनिया में तेजी से बढ़ती हुयी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष गरीबों को सबसे ज्यादा गैस कनेक्शन देने का काम इस सरकार ने किया है। हमने देश के संपन्न लोगों से गैस सब्सिडी नहीं लेने का अनुरोध किया और उन्होंने ऐसा ही किया। उन्होंने कहा कि उनके अनुरोध पर पूरे देश में 90 लाख लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी। इस कारण गत एक वर्ष में गरीबों को सबसे ज्यादा गैस सिलेंडर दिये गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले तीन वर्षो में पांच करोड़ परिवारों को गैस सिलेंडर दिया जायेगा अौर इसका पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि 2015 में कोयले और बिजली का सबसे ज्यादा उत्पादन हुआ। इसके अलावा 2015 में ही गाय भैंस के दूध देने के अलावा इस वर्ष सबसे ज्यादा कार का उत्पादन भी हुआ। इसके साथ साथ गत वर्ष सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट हुआ। आर्थिक सहयोग के मुद्दे पर श्री मोदी ने कहा सात प्रतिशत वृद्धि दर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। बेल्जियम की क्षमताएं और भारतीय अर्थव्यवस्था का जोड़ दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होगा। प्रधानमंत्री ने बेल्जियम के कारोबारी प्रमुखों के साथ बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि वह बेल्जियम सरकार एवं कंपनियों को भारत के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों में साझेदारी के लिए आमंत्रित करते हैं।
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