नयी दिल्ली 30 मार्च, सरकार के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के लिए विश्व बैंक 1.5 अरब डॉलर का ऋण देगा। ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आर्थिक मामले विभाग में संयुक्त सचिव राज कुमार ने कहा कि अभियान का उद्देश्य खुले में शौच की आदत समाप्त करना तथा तरल एवं ठोस कूड़े का प्रबंधन बेहतर बनाना है। ‘स्वच्छ भारत मिशन सपोर्ट ऑपरेशन प्रोजेक्ट तहत मंजूर ऋण का इस्तेमाल ग्रामीण समुदाय की आदतों में बदलाव लाने तथा इस मामले में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन देने के लिए किया जायेगा। विशेषकर परियोजना के तहत स्वच्छ भारत मिशन के ग्रामीण हिस्से को समर्थन दिया जायेगा। परियोजना की अवधि पाँच साल की होगी और जो राज्य जितना बेहतर प्रदर्शन करेंगे उन्हें उतनी ज्यादा राशि आवंटित की जायेगी।
भारत में विश्व बैंक के निदेशक ओनो रूल ने संस्था की तरफ से समझौते पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने कहा “भारत में हर दस में से एक मौत स्वछता की कमी की वजह से होती है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा कम आय वाले परिवारों को भुगतना होता है।” परियोजना का क्रियान्वयन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की देखरेख में होगा। इसके अलावा विश्व बैंक चुनिंदा राज्यों को लोगों की आदतों में बदलाव के कार्यक्रम लागू करने के लिए क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 2.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्त भी उपलब्ध करायेगा।
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