एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सऊदी अरब ने लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा और तालिबान के वित्तपोषण एवं सहयोग नेटवर्क पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिलाया है। उसने चार व्यक्तियों और दो संगठनों पर प्रतिबंध लगाए हैं। भारत ने इस निर्णय का स्वागत किया है। वित्त विभाग ने जेम्स अलेक्जेंडर मैकलिंटोक, अल-रहमान वेलफेयर आर्गनाइजेशन, अब्दुल अजीज नूरूस्तानी, जामिया असारिया मदरसा, नवीद कमर तथार मुहम्मद एजाज सफाराश को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। अमेरिकी वित्त विभाग की कल की इस कार्रवाई के बाद सऊदी अरब ने भी इन व्यक्तियों और इकाइयों के खिलाफ पाबंदी लगा दी।
आतंकवाद और वित्त गुप्तचर मामले के कार्यवाहक उप मंत्री एडम जे सुबिन ने कहा, ‘अलकायदा, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा का परमार्थ और धार्मिक स्ंथानों का दुरूपयोग करने के लिए स्थानीय आबादी को डराने से लेकर अमेरिकी नागरिकों तथा सऊदी अरब एवं पश्चिम एशिया के हमारे सहयोगियों के खिलाफ हिंसा भड़काने का लंबा इतिहास रहा है।’ सऊदी अरब आधारित लश्कर सदस्य मुहम्मद एजाज सफाराश ने लश्कर को वित्त और साजो-समान की मदद मुहैया कराई थी। वह वषरें से लश्कर का सदस्य रहा है। अमेरिकी वित्त विभाग के मुताबिक कमर लश्कर के भीतर कई प्रभावशाली पदों पर रहा है तथा साल 2004 से इसके लिए वित्तपोषण की गतिविधियों में सहयोग करता आ रहा है।
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