पटना। मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ़ बीरबल झा ने रविवार को कहा कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए उस समाज को अपनी संस्कृति पर गर्व करना सीखना होगा। मिथिला बिहार और भारत का अभिन्न अंग है, जो आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। मिथिला का विकास होगा, तभी बिहार और देश और मजबूत होगा। बिहार में 'पाग बचाओ अभियान' की शुरुआत के क्रम डॉ. झा ने पटना में कहा कि मिथिला की संस्कृति राज्य और देश की संस्कृति का प्रतीक-चिह्न् है। मिथिला की संस्कृति को बचाना सीधे तौर पर देश की संस्कृति को बचाना है। समय की मांग है कि मिथिला समाज को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सुदृढ़ किया जाए।
इसी कड़ी में 'पाग' जो मिथिला की सांस्कृतिक पहचान है, को राज्य की सांस्कृतिक पहचान बनाया जा सकता है। उन्होंने मिथिला के लोगों से पाग पहनने की अपील करते हुए इस अभियान का हिस्सा बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महाकवि विद्यापति, मंडन मिश्र, अयाची मिश्र, वाचस्पति, डॉ. अमरनाथ झा जैसे विद्वानों की धरती से प्रतिवर्ष लाखों छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए पलायन करते हैं। लोरिक और सलहेस की जननी मिथिला की पहचान को बनाए रखने की जरूरत है। झा ने बताया कि 'पाग बचाउ' अभियान चलाने का निर्णय 28 फरवरी को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में लिया गया था, जहां दिल्ली में रहने वाले मैथिल एकत्रित हुए थे और अपनी सांस्कृतिक एकता का परिचय दिया था। इस अभियान के तहत 'पाग मार्च' का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों मैथिलों ने राष्ट्रीय राजधानी में पाग पहनकर पदयात्रा की। डॉ़ झा ने कहा कि मिथिलांचल के आर्थिक विकास के लिए इसके प्राकृतिक स्रोतों की उपलब्धता के आधार पर योजना बनाकर बेरोजगारी से लड़ने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में फाउंडेशन ने 'मैथिल उद्यमी सम्मेलन' पटना में कराने की योजना बनाई है।
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