दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की आचार समिति को अपना जवाब भेज दिया है। उन्होंने शिकायत पर संज्ञान लेने के समिति के फैसले पर सवाल उठाया है। साथ ही भाजपा नेता सुब्रह्माण्यम स्वामी को सुबूत के तौर पर ब्रिटिश पासपोर्ट नंबर और अन्य दस्तावेज सार्वजनिक करने की भी चुनौती दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने राहुल को नोटिस जारी किया था। इस पर राहुल ने 23 मार्च को अपना जवाब भेज दिया। इसमें उन्होंने कहा है, "शिकायतकर्ता इस मुद्दे पर सिर्फ गुमराह करना चाहता है। मेरी छवि खराब करना चाहता है। मैंने न तो कभी ब्रिटिश नागरिकता ली और न ही इसकी कोशिश की। मेरी पहचान एक भारतीय की है।"
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने मांग की है कि शिकायतकर्ता आरोप साबित करने के लिए सुबूत और हलफनामा पेश करें। राहुल ने कहा है कि नागरिकता तथ्य का मामला है। अगर उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता ली या लेने की कोशिश की है तो इसके तथ्य ब्रिटिश गृह विभाग के पास होंगे। शिकायत करने से पहले ये तथ्य हासिल किए जा सकते थे। राहुल पर भाजपा नेता सुब्रह्माण्यम स्वामी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने ब्रिटेन में एक कंपनी का निदेशक पद पाने के लिए खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है। भाजपा सांसद महेश गिरि ने लोकसभा स्पीकर के समक्ष यह मामला उठाया था। उन्होंने स्वामी के आरोप की उचित जांच की मांग की थी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जनवरी के पहले सप्ताह में मामले को आचार समिति के पास भेजा था। इस संबंध में स्वामी ने महाजन से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी खत लिखा था। मार्च के दूसरे सप्ताह में समिति ने राहुल को नोटिस जारी किया गया था।
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