नयी दिल्ली 01 अप्रैल मोबाइल कंपनियों ने उच्चतम न्यायालय को आज अवगत कराया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) कॉल ड्रॉप के लिए उनसे जुर्माना नहीं वसूल सकता, क्योंकि उनलोगों ने कॉल ड्रॉप की दो प्रतिशत की निर्धारित सीमा को पार नहीं किया है।
सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन की खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि मोबाइल कंपनियों ने कॉल ड्रॉप की दो प्रतिशत की सीमा कभी पार नहीं की, इसलिए ट्राई जुर्माना नहीं वसूल सकता।
श्री सिब्बल ने कहा कि ट्राई प्रत्येक कॉल ड्रॉप के लिए जुर्माना वसूलने की नीति अख्तियार नहीं कर सकता। सीओएआई में एयरटेल, वोडाफोन, और रिलायंस सहित 21 दूरसंचार कंपनियां शामिल हैं।
ट्राई के फैसले को सीओएआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन वहां से राहत नहीं मिलने के बाद संगठन शीर्ष अदालत पहुंचा है।
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