ग्राम उदय से भारत उदयश्श् अभियान 14 अप्रैल से होगा प्रारंभ
- 23 से 31 मई के बीच ‘ग्राम संसद‘ में ग्रामीणों की समस्याओं का होगा निराकरण
खण्डवा 2 अप्रैल, 2016 - प्रदेश के सभी जिलों में आगामी 14 अप्रैल से ष्ग्राम उदय से भारत उदयश्श् अभियान का संचालन राज्य स्तर से ग्राम स्तर तक किया जाएगा। अभियान सामाजिक सौहार्द और समरसता बढ़ाने, पंचायत राज प्रणाली को मजबूत बनाने, ग्राम विकास और किसान-कल्याण तथा ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में लोगों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है। डॉ. अम्बेडकर जयंती पर 14 अप्रैल से आरंभ हो रहे इस कार्यक्रम के समस्त घटक का ग्राम स्तर तक क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सघन प्रशिक्षण तथा सतत मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जा रही है। राज्य स्तरीय इस अभियान की शुरूआत डॉ. अम्बेडकर की 125 वीं जयंती 14 अप्रैल को होगा। राज्य-स्तरीय कार्यक्रम महू में किया जा रहा है। जिला तथा ग्राम स्तर पर भी स्मृति सभाएँ एवं संगोष्ठी सभाएँ की जायेगी। इसके बाद 15 अप्रैल से 23 मई तक ग्राम पंचायत स्तर पर सघन ग्राम सभा का आयोजन होगा जिसमें हितग्राहीमूलक योजनाओं तथा कृषि कार्य-योजना और ग्राम पंचायत विकास योजना पर कार्य होगा। आगामी 20 अप्रैल से 22 मई की अवधि में ग्राम सभा में हितग्राहीमूलक योजना तथा राजस्व मामलों के आवेदनों का ग्राम, जनपद तथा जिला स्तर पर निराकरण संबंधी कार्यवाही की जाएगी। आगामी 23 से 31 मई के मध्य ग्राम संसद में प्राप्त आवेदन पर की गई कार्यवाही का प्रस्तुतिकरण ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा। इस अवधि में राज्य-स्तरीय युवा उद्यमी सम्मेलन तथा महिला स्व- सहायता सम्मेलन भी किए जाएंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम संसद में शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ ग्राम पंचायत की पाँच वर्षीय विकास कार्य-योजना बनाई जाएगी। ग्राम पंचायत की परिसंपत्तियों और हितग्राहीमूलक योजना में पात्रता के सत्यापन संबंधी कार्यवाही की जाएगी। इस अवधि में समग्र डाटाबेस तथा आधार पंजीयन पर भी विशेष कार्य होगा। ग्राम संसद में दिव्यांगों की पहचान तथा उन्हें आवश्यक उपकरण वितरण शिविर का आयोजन होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान में राजस्व प्रकरण निराकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। अभियान के परिणाममूलक संचालन के लिए जिला स्तर से क्लस्टर-जोन स्तर पर पर्यवेक्षण दल गठित किए जा रहे हैं। आगामी 5 से 7 अप्रैल के बीच संभाग स्तर पर विशेष प्रशिक्षण शिविर किए जाएंगे। अभियान के दौरान श्स्कूल चलें हमश् अभियान की तैयारी, शाला विकास योजना, छात्रवृत्ति वितरण, राशन कार्ड में पात्र सदस्यों को जोड़े जाने, कृषकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी देने और योजना से जुड़ने के लिए निर्धारित प्रक्रिया से अवगत करवाने, पशु स्वास्थ्य शिविर, आँगनवाड़ी चलो अभियान के प्रचार-प्रसार और सुपोषण अभियान की गतिविधियाँ भी होंगी। गाँवों में महिला स्व-सहायता एवं युवा उद्यमी सम्मलेन भी होंगे। महिला स्वास्थ्य शिविर की जिला, अनुभाग और विकासखंड स्तर पर नियमित समीक्षा होगी। विशेषकर हाई एनीमिया से ग्रामीण महिलाओं के बचाव और उन्हें प्रति बुधवार को रोशनी क्लीनिक की सुविधा से अवगत और लाभान्वित करने का कार्य मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता करेंगे। इस अभियान में जल-संरचनाओं के भौतिक सत्यापन की कार्यवाही होगी। ष्ग्राम उदय से भारत उदयश्श् अभियान में जलाभिषेक अभियान के कार्य भी संपादित किए जाएं। ग्रामीण जल-संरचनाओं की मरम्मत एवं रख-रखाव के कार्य भी हाथ में लिए जाएं।
खाद्य मंत्री श्री विजय शाह 4 अप्रैल को हरसूद-छनेरा जायेंगे
- मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत होने वाले विवाह सम्मेलन में होंगे शामिल
खण्डवा 2 अप्रैल, 2016 - प्रदेष के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री कुंवर श्री विजय शाह 4 अपै्रल को खण्डवा आयेंगे तथा नया हरसूद में स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंत्री कुंवर श्री शाह 4 अप्रैल को प्रातः 8 बजे खण्डवा से नया हरसूद के लिए प्रस्थान कर प्रातः 9 बजे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरसूद कार्यालय में प्रस्थान कर नगर पंचायत छनेरा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं विकास कार्यो की समीक्षा करेंगे। मंत्री श्री शाह प्रातः 10 बजे मुख्यमंत्री निकाह योजना अंतर्गत मांगलिक परिसर नया हरसूद छनेरा प्रस्थान कर स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे तथा प्रातः 11ः30 बजे नया हरसूद से खण्डवा होते हुये भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।
समाधान ऑॅन लाइन कार्यक्रम 5 अप्रैल को
खण्डवा 2 अप्रैल, 2016 - समाधान ऑनलाईन कार्यक्रम 5 अप्रैल को शाम 4 बजे से आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से नागरिकों की समस्याओं का निराकरण प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जाता है। कलेक्टर डॉ. एम.के. अग्रवाल ने सभी विभागों के जिला अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की प्रगति की अद्यतन जानकारी के साथ कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र में निर्धारित समय पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र, खण्डवा में कृषक सम्मेलन का आयोजन
खण्डवा 2 अप्रैल, 2016 - कृषि विज्ञान केन्द्र, बी.एम. कृषि महाविद्यालय, खण्डवा द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधाान परिषद के निर्देषानुसार 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर कृषक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस कृषक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान उपस्थित रहेंगे। जबकि विषेष अतिथि के रूप में विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा , जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती हसीना बाई भाटे व विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर प्रदर्षनी भी लगाई जावेगी तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना एवं कृषि की उन्नत तकनीकीयों की जानकारी दी जावेगी। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित होगा।
नरवाई जलाने से नष्ट होती है मिट्टी की उर्वरता
खण्डवा 2 अप्रैल, 2016 - वर्तमान में जिले में गेहूॅं कटाई का कार्य चल रहा है। फसल की कटाई के बाद अगली फसल के लिए किसानों द्वारा नरवाई फसल के डंठलों को जलाकर साफ किया जाता है। नरवाई जलाने से व्यापक स्तर पर अग्नि दुर्घटनाएं होती हैं जिससे जन-धन की हानी होती है। नरवाई में आग लगाने से जहां एक ओर मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है, वहीं इसके कई गंभीर परिणाम भी सामने आते हैं। भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त हो जाती है। उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी. चौरे ने बताया कि भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते हैं। सूक्ष्मजीवों के नष्ट होने के फलस्वरूप जैविक खाद का निर्माण बंद हो जाता है। भूमि की ऊपरी पर्त में ही पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं। आग लगाने के कारण ये पोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते हैं। साथ ही भूमि कठोर हो जाती है जिसके कारण भूमि की जल धारण क्षमता कम हो जाती हैं और फसलें जल्दी सूखती हैं। खेत की सीमा पर लगे पेड़ पौधे जलकर नष्ट भी हो जाते हैं। नरवाई में आग लगाने के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। वातावरण के तापमान में वृद्धि होती है जिससे धरती गर्म होती है। कार्बन से नाइट्रोजन तथा फास्फोरस का अनुपात कम हो जाता है। इसके साथ ही खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन, संपत्ति व प्राकृतिक वनस्पति, जीवजन्तु आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यायपक नुकसान होता है। आग लगने से हानि कारक गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहंुचता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे इन नुकसानों से बचने के लिए नरवाई में आग न लगाएं।
सिंहस्थ 2016 के लिए अधिकारियों को सौंपे दायित्व
खण्डवा 2 अप्रैल, 2016 - आगामी 22 अप्रैल से 21 मई तक उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ के दौरान खण्डवा जिले के ओंकारेष्वर ज्योतिर्लिंग दर्षन के लिए आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सभी आवष्यक व्यवस्थाएॅं करने के लिए कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने अधिकारियों को दायित्व सौंपे है। ओंकारेष्वर में सिंहस्थ के दौरान सम्पूर्ण स्थलों एवं केम्पों पर व्यवस्था के प्रभारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित तोमर को दिया गया है। जबकि समस्त प्रषासकीय व्यवस्था के प्रभारी अपर कलेक्टर श्री अनुराग सक्सेना को बनाया गया है। इसके अलावा जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है , उनमें महा प्रबंधक ओंकारेष्वर सागर परियोजना एनएचडीसी को आपात स्थिति में डेम से यातायात की निर्गम व्यवस्था तथा एनएचडीसी के बांध मार्ग से विषिष्ट व्यक्तियों के वाहनों के आवगमन एवं विश्रामगृहों में ठहरने हेतु आरक्षण का दायित्व सौंपा गया है। इसी तरह जिला प्रबंधक दूरसंचार श्री पी.के.चटर्जी को सिंहस्थ के दौरान आंेकारेष्वर क्षेत्र में टेलीफोन एवं मोबाईल संचार व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने का दायित्व सौंपा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.एस.अवास्या को आंेकारेष्वर में आने वाले तीर्थ यात्रियों तथा वहां कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के लिए आवष्यक चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री एम.एस.भटोरे को ओंकारेष्वर में श्रृद्धालुओं के लिए पेयजल व्यवस्था एवं निस्तार के लिए जल की सम्पूर्ण व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को सिंहस्थ के दौरान ओंकारेष्वर में सड़क मार्ग , पार्किग के रखरखाव तथा हेलीपेड पर स्थाई रूप से व्यवस्था के निर्देष दिये गये है। अधीक्षण यंत्री विद्युत वितरण कम्पनी श्री एस.सी.वर्मा को आंेकारेष्वर मेला क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति निर्वाध रखने का दायित्व सौंपा गया है। एआरटीओ श्री सुनिल गौड़ को सिंहस्थ के दौरान आंेकारेष्वर में श्रृद्धालुओं के लिए लोक परिवहन व्यवस्था तथा बसों के पार्किंग स्थल से ओंकारेष्वर शहर में जाने के लिए छोटे मेजिक वाहनों की व्यवस्था कराने तथा सिंहस्थ के दौरान वाहनों पर ओवरलोडिंग रोकने का दायित्व सौंपा गया है। जिला आबकारी अधिकारी श्री व्ही.एस.सौलंकी को सम्पूर्ण क्षेत्र में शराब के उपयोग पर प्रतिबंध के क्रियान्वयन की व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एस.आर.कोठारे को ओंकारेष्वर में आने जाने वाले वाहनों के लिए डीजल , पेट्रोल तथा ईधन के लिए गैस सिलेण्डर व कैरोसीन एवं खाद्यान्न संबंधी व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। जिला सेनानी होमगार्डस श्री महेष कुमार हनोतिया को ओंकारेष्वर में आपदा प्रबंधन से संबंधित समस्या व्यवस्था , सम्पूर्ण क्षैत्र में सुरक्षा हेतु होमगार्ड सैनिक की तैनाती एवं समस्त घाटों पर होमगार्डस के कुषल तैराक आवष्यक सुरक्षा साधनों सहित तैनात करने की व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया। इसी तरह कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी श्री पवन बैरागी को ओंकारेष्वर में सम्पूर्ण क्षेत्र में स्थापित पार्किंग, आवासीय, विश्राम केम्पों की समस्त व्यवस्थाओं के लिए प्रभारी एवं समन्वयक का दायित्व सौंपा गया। उप संचालक पषु चिकित्सा श्री जितेन्द्र कुल्हारे को ओंकारेष्वर में सम्पूर्ण क्षेत्र में आवारा पषुओं की धरपकड़ और पषुओं की चिकित्सा , सामग्री एवं प्रषिक्षित स्टाफ संबंधी सम्पूर्ण व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री राजेष गुप्ता को ओंकारेष्वर में विभागीय महिला अधिकारी, कर्मचारियों का नियोजन एवं नियंत्रण संबंधी व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत ओंकारेष्वर श्री देवेन्द्र सिंह चौहान को ओंकारेष्वर नगर , बाजार, घाट एवं मार्गो पर साफ सफाई , पेयजल एवं विद्युत व्यवस्था, निकाय क्षेत्र के अन्य आवष्यक कार्य का दायित्व भी सौंपा गया है। खाद्य निरीक्षक स्वास्थ्य विभाग श्री के.एस. सोलंकी और खाद्य निरीक्षक श्री राधेष्याम गोले को ओंकारेष्वर क्षेत्र अंतर्गत समस्त प्रतिष्ठानों में बेची जा रही खाद्य सामग्री की शुद्धता की सघन जांच व्यवस्था सुनिष्चित करने का दायित्व सौंपा गया है। निरीक्षक नापतौल विभाग श्री पंकज कनोडि़या को ओंकारेष्वर परिक्षेत्र में समस्त प्रतिष्ठानों पर बेची जा रही सामग्री की उचित नापतौल हेतु उपयुक्त मापों की सघन जांच व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया। औषधी निरीक्षक स्वास्थ्य विभाग श्री कपिल नागर को ओंकारेष्वर परिक्षेत्र में मेडिकल स्टोर्स पर बिकने वाली दवाईयों की वैद्यता तिथियों की जांच व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है।
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