उफ़ ये गर्मी और बिजली का क़हर प्रद्योत कुमार,बेगूसराय। मौनसून की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने जो की है वो बेअसर होता दिखाई दे रहा है जिस वजह से सड़ान्ध गर्मी ज़िला वासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है और उस पर से बिजली विभाग के बिजली आपूर्ति का रोना आम बात है।विभागिय कारण पूछने पर उनके पास कोई माकूल जवाब नहीं होता है,कभी कहेंगे कि बिजली की आपूर्ति आवश्यकतानुसार नहीं हो पा रहा है सूत्रों की माने तो विद्युत भवन पटना से ट्रांसमिशन विभाग का कहना है कि ज़िला को 80 मेगावाट बिजली दिया जा रहा है और इससे ज़्यादा वो लेने में सक्षम नहीं है क्योंकि इनका इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही कमज़ोर है जबकि विगत वर्ष ए टू ज़ेड कम्पनी ने विभागिय देख रेख में पूरे ज़िला का तार और कई चीज़ें नया लगाया गया था कार्यपालक अभियन्ता प्रोजेक्ट मो० गुफरान की देख रेख में लेकिन स्थिति ढ़ाक के तीन पात जैसी है।मो० गुफरान एक बहुत ही गैर ज़िम्मरदार ऑफिसर हैं क्यूंकि उनके रहते हुए ए टू ज़ेड वालों ने कई जगहों पर बिजली का तार नहीं बल्कि मौत की बिसात बिछा रखी है।उस संदर्भ में लिखित शिकायत करने के बाद भी उनकी निष्क्रियता बनी रही थी।सबसे हैरत की बात तो ये है कि उस शिकायत के आलोक में मो० गुफरान को डायरेक्टर प्रोजेक्ट ने कई बार मौखिक आदेश भी दिया था तार को हटवाने के लिये पर उन्होंने उनके आदेश को ताक पर रखते हुए मनमानी करते रहे जिसका परिणाम है कि कम्पनी वाला मालामाल हो गया और दर्द ज़िला की जनता को झेलना पर रहा है।ऐसी कार्यप्रणाली को किस नाम से नवाजेंगे ये सहज ही सोचने का विषय है।इन दिनों इस बेशुमार गर्मी में बिजली का ये आलम है कि हर एक घण्टे में कम से कम दो से तीन बार बिजली का गायब होना तय है,एक बार गई तो घण्टों गर्मी में जलते रहना उपभोक्ता की मजबूरी है।विभागिय अधिकारी को फोन करके अगर जानकारी लेना चाहेंगे तो फोन नहीं उठाना उनकी फ़ितरत में शुमार है और गर फोन उठा लिया तो कहेंगे कि बिजली कब मिलेगी इसके लिए फोन मत कीजिये।इस पर ज़िला प्रशासन मूक दर्शक बन बैठी है अपने ए सी चेम्बर में और बेचारी जनता मर रही है अपने घरों में और दफ्तरों में,ये है हमारे यहां का बजली विभाग।विभागिय सेवा निवृत के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि अगर बिजली अगर बीजली विभाग ईमानदार हो जाय तो दो साल के अंदर सोना का पोल गाड़ देगा।अब आप सोच सकते हैं कि ये विभाग क्या कर रही है अपने उपभोक्ता के लिए इस गर्मी से बचने के लिए।
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