नयी दिल्ली 22 जून, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ रिकॉर्ड 20 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़ने का कारनामा कर दिखाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार को भेजे एक संदेश में श्री मुखर्जी ने कहा “कार्टोसैट-2 समेत 20 उपग्रहों को एक ही मिशन में अंतरिक्ष में छोड़ने वाले पीएसएलवी-सी34 के सफल प्रक्षेपण पर आपको और आपकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई। मैं समझता हूँ कि कार्टोसैट-2 से मिलने वाली तस्वीरें स्थान विशेष के तत्क्षण चित्रण में तथा माऩचित्रण से संबंधित अन्य कार्यों में सहायक होंगी। ये भूमि सूचना प्रणाली तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण होंगी।”
उन्होंने कहा “अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करने वाली इस उपलब्धि पर देश को गर्व है। मेरा आपसे अनुरोध है कि अपनी टीम के सभी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों तथा मिशन से जुड़े अन्य सभी लोगों तक मेरी बधाई पहुँचा दें। मैं भविष्य के सभी प्रयासों में इसरो की सफलता की कामना करता हूँ।” श्री मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा “हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों ने बारंबार लोगों के जीवन में बदलाव लाने की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की क्षमता को दर्शाया है। समय के साथ हमने अंतरिक्ष के क्षेत्र में उनके प्रयासों में दूसरे देशों की मदद करने योग्य कुशलता और क्षमता विकसित की है। यह हमारे वैज्ञानिकों का कौशल है। बेहद प्रसन्नता के साथ देखा कि पुणे और चेन्नई के छात्रों ने किस प्रकार उपग्रह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैं इससे अभिभूत हूँ। एक आम नागरिक के रूप में हमारे युवाओं को विज्ञान में इतनी रुचि लेते हुये देखकर मैं खुशी से गदगद हूँ।” प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने टेलीविजन पर प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण देखा और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगाने के लिए कुछ तस्वीरें भी लीं। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा “भारत को गौरवान्वित करने वाले इसरो के सभी वैज्ञानिकों और उनकी पूरी टीम को मेरी बधाई। पीएसएलवी के लगातार 35वें सफल प्रक्षेपण ने 20 उपग्रहों को एक ही प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष में छोड़कर एक इतिहास बना दिया है।” विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री वाई.एस. चौधरी ने कहा “20 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो के मुकुट में एक और मणि जुड़ गया है। वैज्ञानिकों को बधाई!”
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