नयी दिल्ली,22जून, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कैंसर,मधुमेह और ह्दय रोग जैसी गैर संक्रामक बीमारियों को एक बड़ी चुनौती बताते हुए अाज कहा कि ये रोग संक्रामक रोगों से कम खतरनाक नहीं है ऐसे में सरकार ने इनकी रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। श्री नड्डा आज यहां गैर संचारी रोगों के राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन के उद्दघाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक यही सोच रही है कि संक्रामक बीमारियां बड़ा खतरा होती हैं लेकिन अब कैंसर,मधुमेह,ह्दय और श्वसन संबधी रोग जैसी गैर संक्रामक बीमारियों का प्रकोप भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
असंयत जीवन शैली से जुड़ी ये बीमारियां स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। ऐसे में इससे निबटने के लिए 2010 में बनाई गई राष्ट्रीय नीति एनपीसीडीसीएस में थोड़ा बदलाव लाते हुए गैर संचारी रोगों की रोकथाम और प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाकर इनके उपचार के उपायों को प्राथमिकता देने का फैसला किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक देश के 468 जिलों को एनपीसीडीसीएस के दायरे में लाया जा चुका है। करीब 100 जिलों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। अब तक छह करोड़ 50 लाख लोगों की ऐसी जांच हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गैर संचारी रोगों से निबटने की नीति को पूरे देश में प्रभावी तरीके से लागू करने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बड़ा योगदान कर रहा है। राज्य सरकारों से भी इसमें सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ह्दय और श्वसन सबंधी बीमारियां तथा कैंसर और मधुमेह चार प्रमुख गैर संचारी रोग हैं। देश में 60 फीसदी असामयिक मौत इन बीमारियों की वजह से ही होती हैं। श्री नड्डा ने सम्मेलन में गैर संचारी रोगों के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए मीडिया अभियान का भी शुभारंभ किया। सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर आयुष मंत्री श्रीपद यसो नाइक और स्वास्थ्य तथा आयुष मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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