कोरबा, 22 जून, केन्द्रीय ऊर्जा एवं कोयला राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने कहा है कि कोल इंडिया में विनिवेश होगा, मगर कोल इंडिया और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) सरकारी कंपनी ही रहेंगी। केंद्र सरकार के विकास पर्व के सिलसिले में छत्तीसगढ के काेरबा आए श्री गोयल ने कल रात संवाददाताओं से कहा कि विनिवेश होना चाहिए, किंतु 51 प्रतिशत शेयर के साथ सार्वजनिक उपक्रमों का संचालन नियंत्रण सरकार के ही पास रहना चाहिए। सरकार की नवीकरण ऊर्जा की योजनाओं में, विशेष रूप से सौर ऊर्जा को लेकर छतीसगढ़ केंद्र में है। कोल इंडिया को बिजली के क्षेत्र में प्रवेश के लिए योजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यों से दो वर्ष में ही बड़ा बदलाव ऊर्जा ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी आया है।
कोयला, बिजली जिसकी कभी कमी बताई जाती थी वह अब सरप्लस है। 2030 तक देश में बिजली की कुल उपलब्धता में 40 प्रतिशत तक ग्रीन एनर्जी होगी। उन्होंने वित्त मंत्री अरूण जेटली के विनिवेश कार्यक्रम का समर्थन करते हुए कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश हो, पर 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार के पास हो, ताकि नियंत्रण भी सरकार के हाथों में हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोल इंडिया का विनिवेश होगा मगर उसका स्वरूप सरकारी ही रहेगा। एस्सार फोन टेपकांड में उनके भी फोन टेप किए जाने संबंधित सवाल के जवाब में श्री गोयल ने कहा कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। मामले की जांच कर उसमें जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि बंद हो चुके कोयला खदानों की जमीन पर यदि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय अनुमति दे तो वहां पर भी सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोयले की खदान से निकलने वाले पानी, सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट कर उसे बिजली बनाने व नदी के साफ पानी को पेयजल के रूप में उपयोग लाने की बड़ी योजना पर भी हम काम कर रहे हैं।
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