लखनऊ, 25 जून, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सख्त रुख की वजह से बहुचर्चित विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल (कौएद) का समाजवादी पार्टी(सपा) में विलय नहीं होगा और बलराम यादव की मंत्रिमंडल में फिर से वापसी होगी। गत 21 जून को पार्टी के कद्दावर नेता और सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कौमी एकता दल का सपा में विलय कराया था। इस विलय को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाराज चल रहे थे। परिवार में इसे लेकर मतभेद को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज संसदीय बोर्ड की बैठक बुला ली। संसदीय बोर्ड के निर्णय के अनुसार कौमी एकता दल के विलय को नामंजूर कर दिया गया और बलराम यादव को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
रविवार, 26 जून 2016

संसदीय बोर्ड ने कौमी एकता दल के सपा में विलय को किया खारिज
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