नयी दिल्ली ,24 जुलाई, विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता पहलवान नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में फेल हो जाने के बाद अब एक यक्ष प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि रियो ओलंपिक में भारत का यह वजन वर्ग खाली रहेगा या कुश्ती महासंघ इस वर्ग में किसी दूसरे पहलवान को भेजेगा। नरसिंह ने विश्व चैंपियनशिप से देश के लिये कोटा हासिल किया था जबकि दो बार के पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने 74 किग्रा फ्री स्टाइल वजन वर्ग में नरसिंह से ट्रायल की मांग की थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुशील की मांग पूरी नहीं हो पायी और नरसिंह के रियो जाने का रास्ता साफ हो गया था लेकिन महाराष्ट्र के नरसिंह के डोप टेस्ट में फेल हो जाने के बाद कुश्ती महासंघ के सामने नया धर्म संकट पैदा हो गया है। कुश्ती फेडरेशन और नरसिंह इस मामले में हालांकि साजिश की आशंका जता रहे हैं लेकिन नरसिंह के दोनों नमूने पाजिटिव पाये जाने के बाद स्थिति बहुत बिगड़ गयी है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने भी नरसिंह के दोनों नमूने पाजिटिव पाये जाने की पुष्टि कर दी है और फेडरेशन ने ही यादव का रियो ओलंपिक का मान्यता पत्र रोक लिया है। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने नरसिंह की बची खुची संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी। इस मामले को जल्द पूरा करने की कोशिश की जायेगी और वह अभी कुछ अंदाजा नहीं लगाना चाहते।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने इस बात की संभावना से इंकार किया है कि इस प्रकरण से सुशील को कुछ फायदा होगा। उन्होंने कहा,“ नाम भेजे जाने की आखिरी तारीख 18 जुलाई काफी पीछे छूट चुकी है। मुझे नहीं लगता कि सुशील को नरसिंह की जगह भेजे जाने की कोई संभावना बची है।” वैसे इस मामले में कोई भी फैसला लेना कुश्ती फेडरेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ही इस मामले पर अंतिम फैसला लेंगे जो फिलहाल दिल्ली में नहीं हैं। नरसिंह का मामला सामने आने के बाद पहलवान सुशील कुमार ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की जिस पर लिखा है,“ सम्मान उनके लिये होता है जो इसे कमाते हैं उनके लिये नहीं जो इसे मांगते हैं। जय हिंद। ” सुशील के गुरु महाबली सतपाल ने भी कहा कि यदि यह खबर सही है तो यह निश्चित रूप से देश के साथ एक बड़ा धोखा है। इस पूरे प्रकरण में सरकार,आईओए और फेडरेशन पर यह जिम्मेदारी रहेगी कि इस मामले को जल्दी निपटायें और इस बात का विकल्प तलाशें कि रियो में 74 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व बना रहे। यदि यह वर्ग खाली रहता है तो यह देश के लिये सबसे शर्मनाक बात होगी।
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