क्रेमलिन, 22 जुलाई, खेल मामलों की सबसे बड़ी अदालत खेल पंचाट(कैस) के निर्णय से निराश रूस ने अपने एथलीटों पर रियो ओलंपिक में प्रतिबंध बरकरार रखने के निर्णय के खिलाफ आगे कानूनी लड़ाई नहीं लड़ने के संकेत दिये हैं। क्रेमलिन की ओर से शुक्रवार को जारी हुये बयान में कहा गया है कि रूस के एथलीटों के अधिकारों की रक्षा करने के लिये अब सरकार के पास अधिक समय नहीं बचा है क्योंकि खेल पंचाट का निर्णय ओलंपिक खेलों से मात्र कुछ ही दिन पहले आया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने यहां पत्रकारों से कहा“ निश्चिततौर पर खेल अदालत का निर्णय बहुत बुरा और निराश करने वाला है। हमें दुख इस बात का है कि यह निर्णय ओलंपिक से चंद दिन पहले आया है और हमारे पास अपनी कानूनी लड़ाई को जारी रखने का समय ही नहीं बचा है जिससे हम अपने खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा कर सकें।”
दुनिया की सबसे बड़ी खेल अदालत ने गुरूवार को अपने निर्णय में रूस के एथलीटों पर रियो ओलंपिक में भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा था। पांच से 21 अगस्त तक ब्राजील के रियो डी जेनेरो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों में रूस के एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया गया है। वर्ष 2014 में हुये सोच्चि शीतकालीन ओलंपिक में राष्ट्र प्रायोजित डोपिंग के आरोप में यह प्रतिबंध लगाया गया है।
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