गुजरात में दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार ने भाजपा के ब्राह्मणवादी चरित्र को एक बार फिर से किया पुष्ट, मायावती के प्रति भाजपा नेता का दिया गया बयान स्त्री व दलित विरोधी यौन कंुठित मानसिकता का परिचायक. 26 जुलाई को पटना में मार्च, काॅ. दीपंकर लेंगे भाग. अरवल व नवादा में गुजरात दलित आंदोलन के समर्थन में मोदी का पुतला दहन, अन्य जगहों पर भी लिये जायेंगे कार्यक्रम.
पटना 20 जुलाई 2016, माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा और पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने आज संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा है कि गुजरात में दलित उत्पीड़न की भयावह घटना ने एक बार फिर से भाजपा के असली चरित्र को तार-तार कर दिया है. गुजरात के उना शहर में मरी हुई गाय के खाल को लेकर जिस बर्बर तरीके से चार दलित युवकों को पीटा गया, गाड़ी में बांधकर घसीटा गया और गांव से लेकर शहर तक घुमाया गया, उसने फासिस्ट संघ गिरोह व गुजरात की भाजपा सरकार के दलित व मानवद्रोही चरित्र को पूरी तरह बेनकाब किया है. गोरक्षा के नाम पर सक्रिय असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की बजाय सरकार उन्हें बचाने में लगी है. यही वजह है कि आज अपने मान-सम्मान व हक-अधिकार की लड़ाई में बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आये हंै और आज उन्होंने गुजरात बंद का आह्वान किया है. भाकपा-माले गुजरात में दलित समुदाय के नवजागरण का स्वागत करती है, उसका समर्थन करती है और दलितों के साथ बर्बर व्यवहार की कड़ी निंदा करती है.
माले नेताओं ने कहा कि न केवल गुजरात में जबरदस्त आंदोलन फूट पड़ा है, बल्कि मुंबई में भी डाॅ. भीमराव अंबेडकर भवन तोड़े जाने के खिलाफ हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोग, लोकतंत्र पसंद आवाम सड़कों पर उतरकर अपना प्रतिवाद दर्ज कर रहा है. हम इसका भी स्वागत करते हैं. भाजपा एक तरफ संविधान दिवस मनाती है, और दूसरी ओर अंबेडकर भवन तोड़ रही है. यही वजह है कि आज पूरे देश में भाजपा के खिलाफ आंदोलनकारी ताकतों की एकजुटता लगातार बढ़ते जा रही है. मायावाती पर उत्तरप्रदेश के भाजपा उपाध्यक्ष द्वारा की गयी टिप्पणी बेहद अपमानजनक, दलित विरोधी और यौन कुंठा से प्रेरित है. हम इसकी कड़ी भत्र्सना करते हैं. और ऐसे भाजपाइयों को जिसने मायावती के लिए ‘वेश्या’ शब्द का उपयोग किया है, अविलंब गिरफ्तार कर जेल में डालने की मांग करते हैं. कश्मीर से लेकर मायावती के प्रसंग में यही साबित होता है कि भाजपा एक सिरे से अल्पसंख्यक, दलित व स्त्री विरोधी पार्टी है.
गुजरात में उठ खड़े हुए दलित आंदोलन के समर्थन में माले ने बिहार के जिला व प्रखंड मुख्यालयों पर प्रतिवाद का कार्यक्रम लिया है. आज गुजरात बंद के समर्थन में अरवल व नवादा में प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. आने वाले दिनों में अन्य जिला व प्रखंड मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम होंगे. खेग्रामस, आइसा, इनौस, ऐपवा आदि जनसंगठन भी अपने बैनर से विरोध-प्रदर्शन का काम जारी रखेंगे. 26 जुलाई को पटना में गुजरात में बर्बर दलित उत्पीड़न के खिलाफ दलितों के मान-सम्मान के सवाल पर मार्च निकाला जाएगा, जिसमें माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य भी भाग लेंगे.
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