राजनैतिक कुंठा बनाम स्त्री...जी हां सियासत में अपना अपना कद बढ़ाने की खातिर सियासतदां किन-किन दांव पेंचों से गुजर जाएं..कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन सवाल ये है कि क्यों निजी कुंठा में स्त्रीत्व को झोंक दिया जाता है, उसके चरित्र पर लांछन लगाया जाता है। निश्चित तौर पर इसकी निंदा कड़े शब्दों में की जानी चाहिए। एक दिन पहले जो भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष दयाशंकर ने किया, उसे बसपा धमकी के साथ दुहरा रही है। बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज में आंबेडकर की प्रतिमा के सामने विरोध की ऊंची ऊंची आवाजों में सारे लिहाजों को निश्तनाबूत करके नारा लगाया कि दयाशंकर अपनी मां, बहन, बेटी को पेश करो। क्या अब बसपा की मुखालिफत नहीं हो जानी चाहिए। बतौर राजनीति के तहत नहीं बल्कि इंसानियत को मद्देनजर रखते हुए।
''दयाशंकर कु*** को गिरफ्तार करो''
जी हां ''कुत्ते'' समझती हैं न इस शब्द को...क्या राजनीति में शब्द के बदले शब्द उलटने का चलन है। क्या वाकई आंबेडकर इस बात का समर्थन करते थे कि कोई आपको गाली दे तो आप भी पलट कर गाली दो....मैं इत्तेफाक नहीं रखता कि भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने आपको जो कहा वो बेहद निंदनीय है। लेकिन आपके लिए महज राजनीतिक स्टंट के इतर कुछ है क्या ? नहीं होगा। आपके लिए तो वो प्राणदायिनी संजीवनी की भांति काम करने वाला है। इस बात को आप नकार नहीं सकती। आपकी धमकी के मुताबिक लखनऊ के हजरंतगंज चौराहे के करीब आंबेडकर की प्रतिमा के पास हजारों कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा है। उनके हाथों में नीली तख्तियां है और स्लोगन के नाम पर दयाशंकर कुत्ते को गिरफ्तार करो जैसी मांग की जा रही है। कुत्ते को....क्या वास्तव में ये उचित है।
अपने ही दांव में फंस गई बसपा
जिस बयान के जरिए माना जा रहा था कि बसपा को संजीवनी मिल गई है, उस पर पलटवार करते हुए बसपा कार्यकर्ताओं ने कई वरिष्ठ नेताओं को मुश्किलों में डाल दिया है। निश्चित तौर पर बसपा कार्यकर्ताओं के इन निम्न दर्जे के बयानों की भी मुखालिफत होगी। और नुकसान बसपा को ही झेलना पड़ेगा।
सवाल अब इन पर ?
विरोध प्रदर्शन में विधासभा में पार्टी और प्रतिपक्ष के नेता गया चरण दिनकर, विधानपरिषद् में नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दकी, प्रदेश बसपा अध्यक्ष राम अचल राजभर मौजूद रहे। कहीं न कहीं इस तरह की विवादित नारेबाजी के बाद सवाल इन वरिष्ठ नेताओं से ही बनता है। हां संभव है कि इस पर जानकारी नहीं के बहाने से ढ़कने की कोशिश की जाए।
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