नयी दिल्ली, 20 जुलाई, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी)ने राष्ट्रीय राजधानी में चरणबद्ध तरीके से डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने के आज आदेश दिए,जिसके अंतर्गत 15 साल या इससे पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण पहले रद्द किया जाएगा। एनजीटी की खंडपीठ ने कहा कि उन सभी डीजल वाहनों को जो 15 साल पुराने हैं और जो बीएस-1 और बीएस -2 मानकों के साथ चल रहें हैं उन्हें तत्काल सड़कों से हटाया जाए। दो दिन पहले एनजीटी ने सड़क परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से 10 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों के पंजीकरण तत्काल प्रभाव से रद्द करने को कहा था । .
खंडपीठ ने आरटीओ को सभी रद्द पंजीकरण वाले वाहनों को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने के भी निर्देश दिए ताकि इन्हें उन क्षेत्रों में ले जाया जा सके, जहां पर वाहनों की आवाजाही कम है। खंडपीठ ने राज्यों से एेसे क्षेत्रों के विस्तृत विवरण मांगे हैं जहां इन्हें रखा अथवा बेचा जा सके। एनजीटी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को इन वाहनों को पार्क करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को स्थान और पुलिस मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं साथ ही आरटीओ को ऐसे वाहनों की सूची ट्रैफिक पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी के आदेश के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय परमिट प्राप्त डीजल वाहनों को दिल्ली में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। न्यायाधिकरण ने यह फैसला याचिकाकर्ता वर्द्धमान कौशिक की याचिका पर सुनाया है।
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