रियो में होगी कठिन चुनौती लेकिन तैयार हूं : दीपा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 जुलाई 2016

रियो में होगी कठिन चुनौती लेकिन तैयार हूं : दीपा

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नयी दिल्ली,22 जुलाई, भारत की ओर से 52 वर्षों के बाद ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली और एकमात्र महिला कलात्मक जिमनास्ट दीपा करमाकर ने अगस्त में शुरू होने जा रहे खेलों के महाकुंभ रियो ओलंपिक के बारे कहा कि इसमें निश्चित रूप से चुनौती कठिन होगी लेकिन वह इसके लिये तैयार हैं। रियो दल में भारत की एकमात्र जिमनास्ट प्रतिनिधि दीपा ने कहा,“ मेरे कोच विश्वेश्वर नंदी सशंकित थे जब मैंने शुरुआत की थी। जब मैं कोच के पास गयी थी उन्होंने कहा था कि चपटे पैर होने के कारण मैं जिमनास्ट नहीं बन सकूंगी क्योंकि इस खेल में एथलीटों को दौड़ने, भागने और उछलने में काफी लचीले पैरों की जरूरत होती है लेकिन मैंने हार नहीं मानी और अंतत: कामियाब हुयी।” उन्होंने कहा,“ मेरे कोच मेरी लगन और समर्पण से प्रभावित थे और हम दोनों ने यह अनुभव किया कि यदि हमें सर्वश्रेष्ठ के साथ मुकाबला करना है तो जोखिम तो उठाना ही होगा।” उल्लेखनीय है कि दीपा ने अप्रैल महीने में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था और वह इन खेलों का टिकट पाने वाली देश की पहली महिला जिमनास्ट हैं वहीं वर्ष 1964 के बाद वह पहली भारतीय भी हैं जिन्हाेंने जिम्नास्टिक में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है। दीपा भी इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं कि यदि उन्हें करोड़ों भारतीय प्रशंसकाें की उम्मीदों पर खरा उतरना है तो उन्हें खेलों के इस मेगा टूर्नामेंट में उम्दा प्रदर्शन करना होगा।

दीपा के कोच नंदी ने भी कहा कि शुरुआत में हमारे पास संसाधनों की कमी थी। हमने हार न मानते हुये अभ्यास के लिये पुराने उपकरण खरीदे और उन्हीं से काम चलाया। उदाहरण के लिये जब दीपा ने वाल्ट की शुरुआत की तो उसने कूदने के लिये टाट के ढेर का इस्तेमाल किया।” उन्होंने कहा,“ मैं शुरुआत में दीपा को लेकर काफी डरा हुआ रहता था लेकिन वह निडर होकर अभ्यास करती थीं। उनके इस तरह के समर्पण ने ही उन्हें और निखारा और आज परिणाम सबके सामने है। दीपा ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर ओलंपिक जैसे बड़े आयोजन में जिमनास्ट के लिये नई पहचान और दिशा तय की है। मुझे उम्मीद है कि वह यहां शानदार प्रदर्शन कर पदक जीतने में सफल रहेंगी।” रियो में स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उम्मीद अमेरिका की सिमोन बाइल्स से तुलना के बारे में अगरतला की दीपा ने कहा,“ रियो तक पहुंचने के लिये मैनें बहुत सी बाधाएं पार की हैं और मेरा पूरा ध्यान प्रतियोगिता की बजाय अपने खेल पर है। मेरे लिये रियो एक बड़ी चुनौती है और मेरे लिये यह एक बहुत बड़ी बात है कि मैं इसमें देश का प्रतिनिधित्व कर रही हूं। मेरे लिये यहां खोने के लिये कुछ नहीं है अत: ऐसे में किसी से तुलना करना ठीक नहीं है।” वर्ष 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली दीपा ने अंतिम क्वालीफाइंग और परीक्षण टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर रियो ओलंपिक का टिकट कटाया था। उन्हें महिला कलात्मक जिमनास्ट में व्यक्तिगत क्वालिफायर की सूची में 79वें स्थान पर रखा है।

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