पटना 22 जुलाई, बिहार में प्रमुख नदियां में आयी उफान और नेपाल में भारी बारिश के कारण पानी का दबाव बढ़ने से वाल्मिकीनगर बराज का एक फाटक क्षतिग्रस्त होकर मुड़ जाने के बावजूद राज्य सरकार ने दावा किया है कि स्थिति अभी पूरी तरह से नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है । बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल गंडक नदी के जल संग्रहण क्षेत्र नेपाल में काफी बारिश हुयी । जिसके कारण वाल्मीकि नगर बराज पर पानी का दबाव बढ़ गया था । इसे देखते हुए रात्रि तीन बजे बराज के 36 में से 35 फाटक खोल दिये गये लेकिन किसी वजह से 33 नम्बर गेट नहीं खुल सका । इसके कारण 33 नम्बर फाटक टेढ़ा गया है । श्री सिंह ने बताया कि फाटक को यदि पहले खोल दिया गया होता तो शायद यह घटना नहीं हुई होती । उन्होंने तटबंध के पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर के मुख्य अभियंता और मुख्य अभियंता यांत्रिकी वाल्मीकीनगर के लिये प्रस्थान कर गये हैं । उन्हें जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है । इसके बाद कार्रवाई की जायेगी । इसके साथ ही पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी को भी जांच करने का निर्देश दिया गया है । जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है ।
इस बीच बगहा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार फाटक क्षतिग्रस्त होने से अचानक गंडक नदी में 2 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी का बहाव होने के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिससे दियारा के निचले इलाके में तेजी से पानी भरने लगा है। इस वजह से ग्रामीण डर कर घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं। केन्द्रीय जल संसाधन विभाग के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर फरक्का में खतरे के निशान से 29 सेंटीमीटर उपर था । कल सुबह तक इसके जलस्तर में छह सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है । अभी तक खतरे के निशान से नीचे बह रही घाघरा नदी के जलस्तर में कल सुबह तक दरौली में 15 सेंटी मीटर और गंगपुर सिसवन में 11 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है । इसके बाद घाघरा नदी भी खतरे के निशान को पार कर जायेगी । वहीं गंड़क, कोसी, महानंदा और बागमती नदी अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है लेकिन इनके जलस्तर में वृद्धि का अनुमान है जबकि बुढ़ी गंडक, पुनपुन और कमला बलान नदी के जलस्तर में कमी होने की संभावना है
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