नयी दिल्ली 22 जुलाई, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से जुडा संविधान संशोधन विधेयक इस पर गठित राज्यों के वित्त मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक के बाद ही राज्यसभा में पेश होगा। श्री जेटली ने यहां संसद भवन परिसर में यूनीवार्ता द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी अगले सप्ताह पेश होगा, उन्होंने कहा कि देखिये उम्मीद तो है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। गौरतलब है कि समिति की अगले सप्ताह बैठक होने की उम्मीद है। समिति के अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा को यह बैठक बुलानी है। जीएसटी के तहत राज्यों का कर लगाने का अधिकार समाप्त हो जायेगा और इसलिये कई राज्य इसका विरोध भी कर रहे हैं।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी का भी कहना है कि जीएसटी संघीय ढांचा के विपरीत है क्योंकि इससे राज्यों का कर लगाने का अधिकार समाप्त हो जायेगा और ऐसी स्थिति में उन्हें केन्द्र पर ही निर्भर रहना पडेगा। उनका कहना है कि राज्यों को कर से प्राप्त होने वाली राशि हासिल करने के लिए केन्द्र के सामने भीख का कटोरा पेश करना पडेगा और यह उचित नहीं है। जीएसटी के मुद्दे पर जनता दल यू के सरकार के साथ देने का ऐलान किया है लेकिन यह पूछे जाने पर कि इससे राज्यों को कर लगाने का अधिकार समाप्त हो जायेगा जदयू नेता वशिष्ट नारायण सिंह का कहना है कि इस मुद्दे पर हमलोग विधेयक में ऐसा प्रावधान कर सकते हैं कि जरूरत पडने पर राज्य भी कर वसूलने का काम कर सके। इस विधेयक को पेश किये जाने पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुयी है लेकिन राज्यसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने अगले सप्ताह इस पर चर्चा के लिए पांच घंटे का समय निर्धारित किया है। सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए प्रयासरत है लेकिन कांग्रेस का रूख अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। ऊपरी सदन में सरकार के पास बहुमत नहीं है लेकिन तृणमूल कांग्रेस और जदयू के साथ ही दूसरे छोटे छोटे दल भी सरकार का साथ देने का वादा किया है।
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