नयी दिल्ली 23 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के रत्न एवं आभूषण उद्योग को हरसंभव मदद की घोषणा करते हुये आज कहा कि आभूषण कारोबारियों को घरेलू बाजार की सीमित विचारधारा से बाहर निकलकर वैश्विक बाजार पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और इसे विश्व में दबदबा बनाने की चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। श्री मोदी ने यहाँ आल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि घरेलू बाजार इतना बड़ा है कि कारोबारी वैश्विक बाजार के बारे में सोचते ही नहीं। 125 करोड की आबादी में हर वर्ष यदि दो करोड़ शादियाँ भी होंगी तो कारोबारियों का कारोबार अच्छा रहेगा। लेकिन, अब दुनिया बदल रही है। इस क्षेत्र के कारोबारियों को वैश्विक बाजार के बारे में सोचना चाहिये। पूरी दुनिया में हस्तनिर्मित आभूषणों के कद्रदान हैं। इनकी माँग भी अधिक है। नवाचार एवं नयी प्रौद्योगिकी के बल पर भारतीय कारोबारी वैश्विक बाजार से मिल रही चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और इस क्षेत्र में भारत को अग्रणी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास स्वर्ण क्षेत्र में हजारों वर्ष की विरासत है। कारोबारियों को गुणवत्ता के साथ टिकाऊ उत्पाद बनाने चाहिये ताकि कोई भी सिर्फ मेक इन इंडिया देखकर ही उसे खरीद सके। उन्होंने कहा कि दुनिया के अाभूषण बाजार की तुलना में हम बहुत पीछे हैं। विश्व में इसकी बहुत माँग है, लेकिन हम उसे पूरा नहीं कर पा रहे। श्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में गुरू-शिष्य की परंपरा रही है। एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को इसे अग्रसारित करती रही है। इससे जहाँ कुछ लाभ हुआ है, वहीं नुकसान भी हुआ है। हम नये उत्पाद और नवाचार पर गौर नहीं कर पायें हैं। इस क्षेत्र में मानव संसाधन का विकास और प्रौद्योगिकी का उन्नयन जरूरी है। इसके लिए स्किल इंडिया का लाभ उठाया जा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र को दक्ष श्रमिकों की जरूरत है और इसमें रोजगार की अपार संभावना भी है।
शनिवार, 23 जुलाई 2016
वैश्विक बाजार पर फाेकस करें आभूषण कारोबारी : मोदी
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