- अब विभाग ने लाइसेंस को वापस लेने का निर्देश कर दिया जारी
- अब ‘सेक्रेमेंटल वाइन’ के बदले ‘सेक्रेमेंटल जूस’ का प्रयोग
पटना। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। पूर्ण शराबबंदी 1 अप्रैल 2016 से लागू होने के बाद पटना एक चर्च को प्रपत्र 19 (ए) के तहत ‘सेक्रेमेंटल वाइन’बनाने और इसके उपयोग का लाइसेंस दिया गया। जो अपने आप में विवादस्पद था। तब न कुछ राजनीतिक दलों ने खुले तौर पर लाइसेंस देने का विरोध किया। बिहार के उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास ने पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल का दीघा स्थित जेवियर टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(एक्सटीटीआई) को ‘सेक्रेमेंटल वाइन’ बनाने के लिए दिए गए लाइसेंस को वापस लेने का निर्देश जारी कर दिया है।
अनुज्ञाधारी हैं एक्सटीटीआई के रेव फादर जोसेफः उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने एक्सटीटीआई के रेव फादर जोसेफ को 01/2016-16 के लिए अनुज्ञप्ति जारी किया। पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद एकलौता एक्सटीटीआई ही है जिसे लाइसेंस जारी किया गया। इस आशय की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत चांदमारी रोड,गली नम्बर-7 ,कंकड़बाग में रहने वाले नवल किशोर सिंह को मिली। इसके बाद तो बिहार में भूचाल आ गया। पक्ष-विपक्ष के नेता टूट पड़े। जारी लाइसेंस को रद्द करने की मांग करने लगे। आखिरकार सरकार ने लाइसेंस को रद्द ही कर दिया।
पटना महाधर्मप्रांत के अन्तर्गत धर्मप्रांतों में ‘सेक्रेमेंटल जूस’ का इस्तेमाल होगाः पटना महाधर्मप्रांत के पटना,मुजफ्फरपुर,बेतिया,बक्सर,पूर्णिया और भागलपुर धर्मप्रांतों के गिरजाघरों में परम्परागत ‘सेक्रेमेंटल वाइन’ से मिस्सा नहीं होगा। इसकी जगह अब मिस्सा के लिए ‘सेक्रेमेंटल जूस’का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार के आदेश के बाद अब इस जूस से मिस्सा पूजा की जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें