शंघाई 21 जुलाई, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल का प्रभाव कम करने के लिए वित्तीय, नीतिगत तथा अवसंरचनात्मक नीतियों में समुचित सामंजस्य बिठाने की जरूरत है। चीन में ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की पहली वार्षिक बैठक में श्री जेटली ने कहा “हमारे सामने बड़ी चुनौतियाँ हैं। मौजूदा वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर है। कमजोर विकास के बाद उनमें धीरे-धीरे तेजी आ रही है। वहीं, उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों तथा विकासशील देशों की विकास दर घट रही है। वित्तीय क्षेत्रों में अस्थिरता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक विकास अनुमान घटा दिया है। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के फैसले से अनिश्चितता, बाजार की अस्थिरता तथा जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और बढ़ गई है।” उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकारों, केंद्रीय बैंकों और नियामकों को इनके प्रभाव कम करने के लिए वित्तीय, मौद्रिक तथा अवसंरचनात्मक नीतियों में समुचित सामंजस्य की जरूरत है। उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों तथा विकासशील देशों की अवसंरचनात्मक समस्याओं की वजह से उनका विकास प्रभावित हो रहा है। सुस्त वैश्विक व्यापार तथा कॅमोडिटी की कम कीमत से भी कॅमोडिटी निर्यातक देशों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
गुरुवार, 21 जुलाई 2016
वित्तीय, मौद्रिक तथा अवसंरचनात्मक नीतियों में सामंजस्य की जरूरत : जेटली
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