पहली बार कांवरिया ने मिथिला पाग पहन पदयात्रा की। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

पहली बार कांवरिया ने मिथिला पाग पहन पदयात्रा की।

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कांवर यात्रा की इतिहास में पहलीबार कई कांवरिया मिथिला पाग पहनकर सुल्तानगंज से देवघर के लिए  पदयात्रा की। श्रधालु लगभग 105 किलोमिटर कि यात्रा अपने कंधे पर गंगाजल लेकर बैद्यनाथधाम जाते है एवं बाबा को जल अर्पित करते है। बारह ज्योतिर्लिंग में देवघर के मंदिर का महत्व विशेष है। पाग कांवरिया-बोल-बम, पाग बम बोल-बम, पाग कांवरिया बोल-बम शब्दो से गुंजगान करते हुए पद यात्रा पर निकले। पाग कांवरिया भोला बाबा की विशेष कृपा दृष्टि हेतु पाग पहन कर चले है। पाग मिथिला की सांस्कृतिक पहचान है। भगवान शंकर उगना के अवतार में कभी मिथिला आए थे। मधुबनी के भवानीपूर में आज भी उगना मंदिर स्थित है। यहां श्रधालुओं कि बड़ी संख्या में भिर होती है।

19 जुलाई को सुबे के राजस्व मंत्री डा. मदन मोहन झा पाग पहनकर श्रावणी मेला का शुभारंभ किया था। रोज पाग कांवरिया के जत्थे बाबाधाम पहुँच रहे है। पाग पहनकर बाबा के दरवार में पहुचने का एक सुखद अनुभुति होती है। ऐसा कांवरिया का कहना है। मिथिलालोक फाण्डेशन के अध्यक्ष एवं पाग बचाउ अभियान के प्रनेता डाॅ बीरबल झा ने कहा है कि पाग कांवरिया सेवा दल सुल्तानगंज के अलावा कई अन्य जगह पर कांवरिया कि सेवा व मिथिला संस्कृति के संवाद देने के लिए मौजुद है। मिथिला की संस्कृति विपणता में भी सम्पन्नता एवं प्रसन्नता की प्रेरणा देती है। पाग कांवरिया गाना एवं विडीयो आजकल सोशल मीडिया पर काफी वाइरल हो रहा है। श्रधालूओं के अलावा नई पिढी के युवक-युवतियां भी इसको बडे़ चाव से सुनते है। इस गाना का लिरिक्स डाॅ बीरबल झा ने तैयार किया है। जबकि इसका स्वर एवं संगीत मिथिलालोक फाण्डेशन के ब्राण्ड एम्बेसडर एवं सुप्रसिद्व गायक श्री विकास झा ने दिया है। 

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