मोतीहारी में हुए नृशंस सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में ज्ञापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

मोतीहारी में हुए नृशंस सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में ज्ञापन

  • फिंगर टेस्ट पर लगाये बैन को सख्ती से लागु करने कि मांग की!

biha map
आज क्रांतिकारी युवा संगठन ने पूर्वी चंपारण जिले के मोतीहारी में एक महिला के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की नृशंस घटना के विरोध में डीएम, दरभंगा को बिहार मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा| इस ज्ञापन के माध्यम से केवाईएस ने मांग की कि इस घटना में पुलिस की लापरवाही और कार्यवाही में देरी व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फिंगर टेस्ट पर लगाये बैन को सख्ती से लागु किया जाये| बिहार में इस घटना के पूर्व भी लगातार बलात्कार के मामले सामने आये हैं जिनमे शिकार नाबालिग बच्चियों, युवतियों को शायद ही न्याय मिलता है| बिहार पुलिस इस सन्दर्भ में अत्याचारियों और बलात्कारियों के साथ ही खड़ी दिखाई देती है| इस घटना में भी बिहार पुलिस का महिला विरोधी चरित्र साफ़ जाहिर हुआ है| इस घटना में महिला के बलात्कार की पुष्टता के लिए डाक्टरों द्वारा महिला का फिंगर टेस्ट किया जाना भी बेहद असंवेदनशील और निंदनीय है| बलात्कार पीडिता का फिंगर टेस्ट महिला की गरिमा का हनन ही नहीं बल्कि जस्टिस वर्मा कमेटी की सिरफारिशों का उलंघन भी है| भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के बावजूद बलात्कार पीडिता का फिंगर टेस्ट करने वाले मेडिकल कर्मियों पर तुरंत सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए|

मोतीहारी में हुई घटना और बिहार में बलात्कार की अन्य घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार से मांग की कि जस्टिस वर्मा कमेटी रिपोर्ट की सफरिशों पर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा फिंगर टेस्ट पर लगाये गए बैन को सख्ती से लागू किया जाये| बलात्कार की घटनाओं में पीड़ितों की तुरंत एफआईआर दर्ज की जाये| बलात्कार के सभी मामलों में महिला की गरिमा का ध्यान रखते हुए, पीडिता का नाम सामने नहीं लाया जाना चाहिये और सभी जिलों में बलात्कार आपातकाल केंद्र (RAPE CRISIS CENTRE) स्थापित किये जायें| पीड़ितों को परामर्श और चिकित्सीय मदद अनिवार्य रूप से मुहैया कराई जाए| साथ ही यह कहा कि बलात्कार की घटनाओं में पीडिता को उचित मुआवजा दिया जाये|

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