नयी दिल्ली, 24 जुलाई, भारत को रियो ओलंपिक से मात्र दस दिन पहले उस समय गहरा झटका लगा, जब पदक उम्मीद पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फेल हो गये जिससे उनके रियो ओलंपिक में उतरने की संभावना लगभग समाप्त हो गयी है। हालांकि नरसिंह ने इस मामले में उनके खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। नरसिंह को दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार पर प्राथमिकता देते हुये 74 किग्रा फ्री स्टाइल वजन वर्ग में चुना गया था। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता पहलवान नरसिंह के डोप टेस्ट में फेल होने की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने भी पुष्टि कर दी है जबकि खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि एक पहलवान डोप टेस्ट में विफल पाया गया है लेकिन मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में पहलवान का नाम नहीं दिया है। 26 वर्षीय नरसिंह का गत पांच जुलाई को साेनीपत के साई सेंटर में डोप अेस्ट हुआ था जिसके बाद उनके दोनों ही ए और बी नमूने पाजिटिव पाये गये हैं।
नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा,“ नरसिंह प्रतिबंधित स्टेरॉयड के सेवन के लिये पाजिटिव पाये गये हैं। उनका बी नमूना भी पाजिटिव पाया गया है। ” अग्रवाल ने कहा,“ नरसिंह शनिवार को अनुशासन पैनल के समक्ष पेश हुये थे। पैनल ने इस मामले में और रिपोर्ट मांगी है। हम इस मामले में जल्द कार्रवाई करेंगे तब तक हमें इंतजार करना होगा।” दूसरी तरफ नरसिंह ने किसी प्रतिबंधित पदार्थ को लेने से इंकार किया है और इसे उन्हें ओलंपिक से रोकने के लिये साजिश बताया है। नरसिंह ने लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता सुशील कुमार से अदालती लड़ाई जीतकर रियो में उतरने का हक़ पाया था। नरसिंह का डोप में पकड़ा जाना भारतीय कुश्ती महासंघ के लिये भी एक बड़ा झटका है क्योंकि उसने सुशील के मुकाबले नरसिंह का लगातार समर्थन किया था। अभी इस मामले में बहुत चीज़ें स्पष्ट नहीं है लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ, कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय के स्तर पर गतिविधियां तेज हो गयी हैं। अभी यह कह पाना मुश्किल है कि रियो में 74 किग्रा वजन वर्ग खाली रहेगा या फेडरेशन और मंत्रालय सुशील को रियो जाने के लिये कहेगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि यदि सुशील के पास ऐसा प्रस्ताव जाता है तो क्या वह इस प्रस्ताव को स्वीकारेंगे। इस मामले में घटनाक्रम बहुत तेजी से बदले हैं और आज यह देश की सबसे बड़ी खबर बन गयी है।
समझा जाता है कि नरसिंह के डोप में फंसने की खबर फेडरेशन को पहले ही मिल गयी थी जिसने उन्हें ओलंपिक तैयारियों के लिये जार्जिया जाने से रोक दिया था। सूत्रों का कहना है कि आईओए ने नरसिंह का ओलंपिक का मान्यता पत्र भी रोक लिया है। नाडा के एक सूत्र ने बताया कि यादव ने नाडा के समक्ष उपस्थित होकर खुद को बेगुनाह बताया और इस पूरे मामले को साजिश करार दिया। नरसिंह ने नाडा से कहा कि कुछ लोग रियो जाने में रोड़ा अटका रहे हैं और यह उन्हीं लोगों की साजिश है लेकिन जिस तरह इस मामले में फेडरेशन और आईओए ने तेजी दिखाई है और उनका मान्यता पत्र रोका है, उससे लगता है कि मामला बहुत ज्यादा गंभीर हो चुका है। नरसिंह कल तक सोनीपत के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहे थे लेकिन आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है और पहलवानों काे लेकर कोई जानकारी नहीं है। मीडिया के कुछ लोग भी इस मामले के सामने आते ही सुबह ही सोनीपत साई सेंटर पहुंच गये थे। रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए नरसिंह और सुशील में भारी विवाद हुआ था। नरसिंह को टिकट मिलने पर सुशील ने ट्रायल की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था लेकिन उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली। भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी नरसिंह का साथ दिया था और वह रियो का टिकट हासिल करने में कामयाब हुये थे। नाडा ने इस मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट गत शनिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय को भेज दी थी। नरसिंह अपना डोप टेस्ट कराने के बाद स्पेन रवाना हो गये थे जहां उन्होंने एक आमंत्रण टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था।
समझा जाता है कि नरसिंह के डोप में फंसने की खबर फेडरेशन को पहले ही मिल गयी थी जिसने उन्हें ओलंपिक तैयारियों के लिये जार्जिया जाने से रोक दिया था। सूत्रों का कहना है कि आईओए ने नरसिंह का ओलंपिक का मान्यता पत्र भी रोक लिया है। नाडा के एक सूत्र ने बताया कि यादव ने नाडा के समक्ष उपस्थित होकर खुद को बेगुनाह बताया और इस पूरे मामले को साजिश करार दिया। नरसिंह ने नाडा से कहा कि कुछ लोग रियो जाने में रोड़ा अटका रहे हैं और यह उन्हीं लोगों की साजिश है लेकिन जिस तरह इस मामले में फेडरेशन और आईओए ने तेजी दिखाई है और उनका मान्यता पत्र रोका है, उससे लगता है कि मामला बहुत ज्यादा गंभीर हो चुका है। नरसिंह कल तक सोनीपत के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहे थे लेकिन आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है और पहलवानों काे लेकर कोई जानकारी नहीं है। मीडिया के कुछ लोग भी इस मामले के सामने आते ही सुबह ही सोनीपत साई सेंटर पहुंच गये थे। रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए नरसिंह और सुशील में भारी विवाद हुआ था। नरसिंह को टिकट मिलने पर सुशील ने ट्रायल की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था लेकिन उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली। भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी नरसिंह का साथ दिया था और वह रियो का टिकट हासिल करने में कामयाब हुये थे। नाडा ने इस मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट गत शनिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय को भेज दी थी। नरसिंह अपना डोप टेस्ट कराने के बाद स्पेन रवाना हो गये थे जहां उन्होंने एक आमंत्रण टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था।
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