मोदी सरकार महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप काम नहीं कर रही: नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

मोदी सरकार महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप काम नहीं कर रही: नीतीश

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पटना 21 जुलाई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज संस्थाओं की आवंटित राशि में कटौती के लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह महात्मा गांधी के सपने के अनुरूप नहीं है । श्री कुमार ने आज यहां मुख्य सचिवालय स्थित सभागार से वेबकास्टिंग के माध्यम से बिहार के नवनिर्वाचित सभी जिला परिषद, पंचायत समिति के जन प्रतिनिधियों एवं सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया के एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था सता का विकेन्द्रीकरण । पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार सम्पन्न बनाकर ही राष्ट्रपिता के इस सपने पूरा किया जा सकता है लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने पंचायतों को आवंटित होने वाली राशि में भारी कटौती की है। यह पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिये अनुकूल नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम 2006 के द्वारा सभी पंचायत प्रतिनिधियों को लोकसेवक घोषित किया गया है। पंचायतों को विभिन्न स्रोत से राशि प्राप्त होती है। केन्द्र सरकार से वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार विभिन्न योजनाओं के लिये राशि प्राप्त होती है लेकिन देखा जा रहा है कि केन्द्र द्वारा पंचायतों को आवंटित होने वाली राशि में भारी कटौती की गयी है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के अधिकार में वृद्धि होनी चाहिये।

श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2006 में उनकी सरकार ने बिहार पंचायती राज कानून में संशोधन किया तथा पंचायत चुनाव आरक्षण एवं अन्य प्रावधान के अनुरूप किया गया। संविधान में स्थानीय निकायों की एक तिहाई सीट महिलाओं के लिये आरक्षित करने का उल्लेख है, इसमें संशोधन करते हुये बिहार में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि इसके कारण विभिन्न स्तर पर महिलाएं ज्यादा संख्या में चुनकर आयी, इससे एक नया सामाजिक परिवर्तन आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलायें समाज में आगे आयीं तथा लोगों के अधिकार के लिये लड़ाई में शामिल हुयीं। शुरू में लोग इसका मजाक उड़ाते थे लेकिन धीरे-धीरे समाज में लोगों ने इसके महत्व को महसूस किया तथा समझा कि यह एक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उठाया हुआ ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि लोगों ने इसको स्वीकार कर लिया है, आज इसका प्रभाव इतना है कि कई राज्यों ने इसको अपनाया है। श्री कुमार ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था मजबूत हो, यह उनका उद्देश्य है । पंचायती राज व्यवस्था का कोई स्तर किसी के अधीन नहीं है। तीनों स्तर की संस्थायें स्वायत्त हैं। यदि आपस में समन्वय रहे तो उसका बेहतर परिणाम होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों को कार्यकाल के दौरान आकस्मिक मृत्यु होने पर पांच लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने का प्रावधान किया गया है, यह एक अप्रैल 2015 के प्रभाव से लागू है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सात निश्चय के अन्तर्गत कई प्रकार के कार्य किये जाने हैं, जिसमें स्थानीय निकाय के जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है । उन्होंने कहा कि सात निश्चय में से एक निश्चय महिलाओं को सरकारी सेवा में 35 प्रतिशत आरक्षण देने का था, जिसे पूर्ण कर लिया गया है। दूसरा निश्चय आर्थिक हल युवाओं को बल का है, इस क्षेत्र में कई काम किये गये हैं । 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये सभी इच्छुक छात्र-छात्राओं को स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा। श्री कुमार ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई के लिये हाई स्कूल बनाये जा रहे हैं। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। युवाओं को खासकर संवाद कौशल, कम्प्यूटर एवं सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जायेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 25 साल के बीच के युवा जो रोजगार खोजना चाहते हैं, उन्हें दो वर्षों तक एक हजार रूपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता दिया जायेगा। जिला स्तर पर इन सभी के लिये रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाया जा रहा है, जो दो अक्टूबर से कार्य करने लगेगा। उन्होंने इसके अलावा सरकार के अन्य निश्चय जैसे हर घर बिजली का कनेक्शन, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली, नाली, हर घर में शौचालय निर्माण, तकनीकी शिक्षा के लिये विभिन्न संस्थानों को खोले जाने के संबंध में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को विस्तृत जानकारी तथा इसे लागू करने में उनके दायित्वों के बारे में उन्हें विस्तृत रूप से बताया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कृषि मंत्री राम विचार राय, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार निराला, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश के अलावा विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव और सचिव भी उपस्थित थे। 

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