लुसाने, 24 जुलाई, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पांच अगस्त से होने वाले रियो ओलंपिक में रूस की भागीदारी पर उसके खराब डोपिंग रिकॉर्ड के बावूजद पूरा प्रतिबंध नहीं लगायेगी और उसने यह फैसला विभिन्न खेल फेडरेशनों पर छोड़ दिया है कि वे अपने खेल के रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध का निर्णय खुद करें। आईओसी के इस फैसले से रूस के रियो ओलंपिक से बाहर होने का खतरा टल गया है। अब विभिन्न खेल महासंघों को यह फैसला करना है कि वे अपने खेल के रूसी खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करना चाहते हैं या नहीं। ओलंपिक शुरु होने में 12 दिन शेष रहते इस फैसले से ओलंपिक आंदाेलन दो फाड़ होने से बच गया। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने मैक्लारेन रिपोर्ट के बाद रूस को रियो से प्रतिबंधित करने की मांग की थी। मैक्लारेन की स्वतंत्र रिपोर्ट में आरोप लगाये गये थे कि रूस में सरकार खिलाड़ियों के लिये डोपिंग कार्यक्रम चलाती है और इसके लिये उसने 2014 में सोच्चि में हुये शीतकालीन ओलंपिक का उदाहरण दिया था। आईओसी ने इस रिपोर्ट के बाद रविवार को अपने 15 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड की टेलीकांफ्रेंस के जरिये बैठक में यह फैसला सुनाया। आईओसी ने फैसला लिया कि रूसी खिलाड़ियों के ओलंपिक में उतरने की पात्रता उनके खेलों के अंतरराष्ट्रीय महासंघ तय करेंगे। आईओसी ने साथ ही कहा कि वाडा मैक्लारेन में जिन रूसी अधिकारियों का नाम है उनके खिलाफ अनुशासन कार्रवाई साेमावार से शुरु की जायेगी।
खेलों की सर्वोच्च मध्यस्थता अदालत ने रूस की उसके एथलीटों पर रियो ओलंपिक में भाग लेने से लगे प्रतिबंध के खिलाफ अपील गुरुवार को खारिज कर दी थी। अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) ने रूसी एथलीटों को प्रतिबंधित दवाओं के व्यापक इस्तेमाल और सरकार प्रायोजित डोपिंग की रिपोर्टों के बाद ओलंपिक एथलेटिक्स मुकाबलों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था जिसके बाद रूसी ओलंपिक समिति तथा रूसी एथलेटिक्स महासंघ ने इस प्रतिबंध के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी लेकिन उसकी यह अपील खारिज हो गयी थी। खेल पंचाट के इस निर्णय के बाद यह आशंका उठने लगी थी कि आईओसी रूस को न केवल एथलेटिक्स में बल्कि ओलंपिक के अन्य खेलों में भी भाग लेने से प्रतिबंधित कर सकती है। लेकिन आईओसी ने विभिन्न खेल महासंघों पर यह फैसला छोड़ दिया है। रूसी अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों का कहना था कि डोपिंग के आरोप उनके देश के खिलाफ पश्चिमी देशों की साजिश का हिस्सा हैं। रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने चेतावनी दी थी कि इससे अोलंपिक आंदोलन दो फाड़ हो जायेगा। वर्ष 1980 में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने मास्को ओलंपिक का बहिष्कार किया था जबकि सोवियत संघ ने 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक का बहिष्कार किया था। आईओसी के इस फैसले ने उस समय की स्थिति की पुनरावृत्ति को टाल दिया है। अब यह देखना होगा कि कौन-कौन फेडरेशन रूसी खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें