छतरपुर जिला के गौरव -सख्सियत ऐ बुन्देलखण्ड........................... - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 जुलाई 2016

छतरपुर जिला के गौरव -सख्सियत ऐ बुन्देलखण्ड...........................

  • एनकाउंटर स्पेषलिस्ट बन गया माॅ मदांकिनी का पुत्र........................?

नरेंद्र अरजरिया जी रिपोर्ट 
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छतरपुर - जी हाॅ हम बात कर रहे है एक ऐसे पुलिस अधिकारी की जो अपनी पदस्थापना होते ही भगवान राम की नगरी में जीवनदायिनी माॅ मंदाकिनी की हालत को देख नही सका और बीणा उठा लिया सफाई का। स्वंय से षुरु हुआ अभियान आज लाखों मे पहुच गया। बुन्देलखण्ड की इस सख्सियत का नाम है डाॅ. पी.एल. अवस्थी। मध्यप्रदेष के छतरपुर जिले के गांव रनगुवां बांध में इनका जन्म 4 अक्टूबर 1958 को हुआ, महाराजा काॅलेज छतरपुर से बीएससी., एम.ए. एवं एल.एल.बी. करने के बाद अवधेष प्रताप सिंह विष्वविधालय से पीएचडी. की उपाधि ली। 24 जून 1988 को श्रीमति लक्ष्मी अवस्थी के साथ परिणय सूत्र मे बंध गये बच्चों को षिक्षा देने बाले इस सख्सियत का चयन बर्श 1987 मे पुलिस इंस्पेक्टर के रुप मे हुआ। सिंगरौली मे क्राइम कन्ट्राॅल करने के लिये इनकी पदस्थापना हुई जहां पर डकैतों से मुठभेड मे 3 ईनामी डकैतों को मार गिराया, यह बात थी बर्श 1994 की, 80 जघन्य अपराधों मे सफलत्तम अनुषंधान के चलते मध्यप्रदेष सरकार के द्वारा इन्हे आउट आॅफ टर्न प्रमोषन देकर नगरनिरीक्षक बना दिया। बर्श 2011 में विभाग द्वारा एसडीओपी के पद पर नबाजा गया............. बर्श 2014 में इस सख्सियत की पदस्थापना भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट मे हुई। कानून के रखबाले केा चित्रकूट की जीवनदायिनी कहे जाने बाली माॅ मंदाकिनी मे बढते प्रदूशण को देखकर रहा नही गया और अपने ड्राईवर के साथ 17 फरवरी 2015 को मंदाकिनी सफाई के लिये कंूद पडा, दर्षनार्थियों एवं स्थानिय लोगों द्वारा एक पुलिस अधिकारी को यह करता देख रहा नही गया और लोगों ने इस सख्सियत पर सबाल दर सबाल करना षुरु कर दियें लेकिन कहते है जब होंसला बुलन्द हो तो पीछे लाईन लगने बालों की कमी नही होती। और बस ऐसा ही हुआ इन महाषय एसडीओपी के साथ...........

चित्रकूट मे प्रवाहित होने बाली माॅ मंदाकिनी को महर्शी अत्रि की पत्नि अनुसुईयां ने अपने तपोबल से प्रवाहित किया था, सती अनुसुईयां स्थान से निकली माॅ मंदाकिनी मध्यप्रदेष के 14 किलो मीटर और उत्तरप्रदेष के 26 किलोमीटर मे प्रवाहित होती है। आधुनिकता और बढते जनसख्ंया के दबाब में माॅ मंदाकिनी का अस्तित्व खतरे में धीरे धीरे आने लगा था, क्योकि मान्यता और आस्था के सामने सब फैल है। वही जलस्त्रोत के रुप मे सिर्फ माॅ मंदाकिनी है..... मध्यप्रदेष पुलिस सेवा के कर्तव्यनिश्ठ पुलिस अधिकारी की पदस्थापना जब चित्रकूट मे हुई तो माॅ मंदाकिनी की दुदर्षा ने उनके अंर्तमन को प्रभावित कर दिया, बस यही से खाकी की जिन्दगी मे मोड़ आया और जुट गये माॅ मंदाकिनी की सफाई में, 17 फरवरी 2015 से अकेले षुरु किया गया यह अभियान आज यह अभियान जन अभियान बन गया है जिसमे करीब 1 लाख से अधिक लोग भाग ले चुके है। इस अभियान मे बढती जनभागीदारी को देखते हुये नारा दिया गया, गंगा मांगें मोक्ष............... जिसके तहत इस अभियान को बढाने के लिये भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री प्रकाष जावडेकर ने भी भागीदारी की, भले ही भारत सरकार अरबों रुपये खर्च कर माॅ गंगा की सफाई न कर पाया हो लेकिन एक पुलिस अधिकारी की हटधर्मिता ने कल-कल की आवाज करती बहती माॅ मंदाकिनी से खरपतवार को साफ कर नया रुप दे दिया है, इसे आप क्या कहेगें.................... बुन्देलखण्ड की इस सख्सियत की हौसला अफजाई के लिये आप डाॅ. पी.एल.अवस्थी को 9669909057 पर बधाई दे सकते है।  इस सामाजिक सरोकार के कार्य की गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेश संगठन प्रांतीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने उनको बधाई देकर प्रोत्साहित किया।  

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