नयी दिल्ली, 22 जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की बहुचर्चित आदर्श सोसाइटी को गिराने पर आज रोक लगा दी तथा केंद्र सरकार को इसे एक सप्ताह के भीतर अपने कब्जे में लेने का निर्देश किया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए पांच अगस्त की तारीख मुकर्रर करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह इस 31-मंजिली इमारत को अपने कब्जे में ले और पहले से मौजूद सोसाइटी के सुरक्षा गार्डों को भी हटाये। न्यायालय ने मामले में अंतिम फैसला आने तक इमारत को न ढहाने को कहा है।
इससे पहले 29 अप्रैल 2016 को बम्बई उच्च न्यायालय ने पर्यावरण मंत्रालय को 31 मंजिला आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी को गिराने के आदेश दिए थे,लेकिन शीर्ष अदालत ने फैसले के अमल पर 12 हफ्ते की रोक भी लगाई थी ताकि अपील की जा सके। उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि गैरकानूनी तरीके से आदर्श सोसाइटी बनाने के लिए नौकरशाहों और राजनेताओं पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाये। आदर्श सोसाइटी दक्षिण मुंबई के कोलाबा में है। आदर्श सोसाइटी को लेकर विवाद तब गहरा गया था,जब इसके निर्माण में कथित तौर पर नियम-कानून के उल्लंघन की बात सामने आई। बाद में यह भी पता चला कि कई प्रभावशाली अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों को इसमें फ्लैट दिए गए थे। विवाद में नाम आने के बाद तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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