राष्ट्रीय अखंडता का आधार बन सकते हैं खेल : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 जुलाई 2016

राष्ट्रीय अखंडता का आधार बन सकते हैं खेल : मोदी

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विभिन्न भाषाओं, बोलियाें , पहनावे और खानपान वाले देश भारत में एक छोर से दूसरे छोर तक खेल चलते रहें तो ये खेल नहीं देश में राष्ट्रीय अखंडता का सबसे बड़ा आधार बन सकते हैं। श्री मोदी ने रिलांयस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स(आरएफवाईएस) की शुरूआत करते हुये कहा“ भारत जैसे देश जहां पर करीब-करीब 100 भाषाएं हैं, 1700 बोलियां हैं, भांति-भांति के पहनावे हैं, भांति-भांति के खान-पान हैं और हमारे देश में एक छोर से दूसरे छोर तक जिला स्तर की टीमें अगर 12 महीने खेलती रहें तो खेल राष्ट्रीय अखंडता का सबसे बड़ा आधार बन सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा“ भारत में खेल तो व्यक्तित्व के विकास के साथ साथ समाज के विकास का काम भी करते हैं। खेल अपने आपमें सामान्य व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होना चाहिए और अगर खेल को हम जिंदगी का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो जीवन एक प्रकार से विकसित नहीं होता है। कुछ लोगों के दिमाग में ऐसा भरा पड़ा है कि शारीरिक फिटनेस के लिये खेल जरूरी है लेकिन यह एक सीमित सोच है। व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास के लिए खेल का जीवन का हिस्सा होना बहुत अनिवार्य है। खेल से समाज-जीवन भी विकसित होता है और राष्ट्र-जीवन भी विकसित होता है।” उन्होंने कहा“खेल में जीतने का जितना आनंद होता है, उससे ज्यादा पराजय को पचाने की एक बहुत बड़ी ताकत खेल से आती है। जो व्यक्ति जिंदगी में खेलता रहता है। कभी लुढ़क जाता है फिर कभी उठकर खड़ा हो जाता है, वो कभी जिंदगी के और अवसरों पर हार नहीं मानता है। खेल एक जीवन के अंदर ऐसे गुणों को विकास करता है, जीवन भर जूझने का सामर्थ्य देता है, खिलाड़ी कभी हार नहीं मानता है।”

श्री मोदी ने कहा“ आप सब आज फुटबाल खेलने की शुरुआत कर रहे हैं। मैं रिलांयस स्पोर्ट्स फाउंडेशन को बधाई देता हूं कि उन्होंने देश की युवा पीढ़ी के साथ जुड़कर खेल को महत्व देने का प्रयास किया। मुझे विश्वास है कि इससे प्रतिभाएं ढूंढने में मदद मिलेगी। हमारा मूल मंत्र है जो खेले, वो खिले। अगर आप खेलते ही नहीं है तो खिल भी नहीं सकते हैं।” इस अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल और रिलांयस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरर्पसन नीता अंबानी भी मौजूद थीं। उनके साथ कई बच्चे भी मौजूद थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर खिंचवाई। इस अभियान का लक्ष्य भारत को बहुखेल राष्ट्र बनाना है और युवाओं में खेल संस्कृति को विकसित करना है। पहले वर्ष में इस अभियान का लक्ष्य 2000 शैक्षणिक संस्थानों में 20 लाख बच्चों तक पहुंचना है। इस कार्यक्रम का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली,कोच्चि, चेन्नई, गोवा, मुंबई, कोलकाता, गुवाहाटी और पुणे में आठ खेल मैदानों में सीधा प्रसारण किया गया। प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों से बात की और कुछ फुटबाल मैचों को भी देखा। आरएफवाईएस के लिये छह सदस्यों का एक सलाहकार बोर्ड बनाया गया है जिसमें नीता अंबानी के अलावा क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर, टेनिस लीजेंड लिएंडर पेस, बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल, प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो.दीपक जैन और फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर शामिल हैं। 

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