नयी दिल्ली, 23 जुलाई, ब्राजील के रियो डी जेनेरो में पांच से 21 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक में इन खेलों की महाशक्ति अमेरिका के पास अपने 1000 स्वर्ण पदक पूरे करने का मौका रहेगा। अमेरिका ने 26 बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया है और उसने 976 स्वर्ण पदक जीते हैं। उसे अपना ‘गोल्डन 1000’ पूरा करने के लिये 24 स्वर्ण पदकों की आवश्यकता है और उसके पिछले ओलंपिक के प्रदर्शन को देखते हुये उम्मीद जताई जा सकती है कि वह इस बार अपने इस आंकड़े को पूरा कर लेगा। अमेरिका ने 2012 के लंदन ओलंपिक में उम्दा प्रदर्शन करते हुये कुल 104 पदक अपने नाम किये थे। अमेरिकी एथलीटों ने 46 स्वर्ण, 28 रजत और 29 कांस्य पदक जीते और ओवरऑल पदक संख्या में शीर्ष पर रहा था। इससे उम्मीद की जा रही है कि वह रियो ओलंपिक में अपने स्वर्ण पदकों की संख्या 1000 पहुंचा सकता है। अमेरिका ने 26 बार आेलंपिक में हिस्सा लेने के बाद 976 स्वर्ण पदक, 757 रजत और 666 कांस्य पदक जीते हैं और कुल 2399 पदक उसकी झोली में हैं।
गत ओलंपिक के मेजबान ब्रिटेन ने 27 ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेते हुये 236 स्वर्ण पदक, 272 रजत और 272 ही कांस्य पदक जीते हैं। ब्रिटेन के पास कुल 780 पदक हैं और वह ओवरऑल तालिका में तीसरे स्थान पर है। ब्रिटेन के पास अपने कुल पदकों की संख्या 800 पहुंचाने का मौका रहेगा। ब्रिटेन ने लंदन में 29 स्वर्ण, 17 रजत और 19 कांस्य पदकों समेत कुल 65 पदक जीते थे और वह पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था। पूर्व सोवियत संघ ने नौ बार ओलंपिक में हिस्सा लिया और 395 स्वर्ण पदक जीते। वह कुल 1010 पदकों के साथ तालिका में दूसरे स्थान पर है। ओवरऑल तालिका में फ्रांस कुल 671 पदकों के साथ चौथे और चीन 473 पदकों के साथ पांचवे स्थान पर है। इटली के पास रियो में अपने कुल 200 स्वर्ण पदकों का आंकड़ा पूरा करने का मौका रहेगा। इटली ने 26 बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेते हुये 198 स्वर्ण, 166 रजत और 185 कांस्य पदक जीते हैं और कुल 549 पदकों के साथ वह ओवरऑल पदक तालिका में छठे स्थान पर है। डोपिंग के आरोप झेलने के बाद कड़ी आलोचनाओं में घिरे रूसी एथलीटों के रियो से बाहर होने के बावजूद रूस के पास अपने 400 पदक पूरे करने का मौका रहेगा जिसके लिये उसे मात्र चार पदकों की आवश्यकता है। रूस ने पांच बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेते हुये 133 स्वर्ण, 121 रजत और 142 कांस्य पदक जीते हैं।
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