पटना 03 अगस्त, बिहार में गंगा समेत तीन प्रमुख नदियों के खतरे के निशान से उपर रहने से राज्य के 13 जिलों के 31 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गये है , वहीं बाढ़ के पानी से अब तक 61 लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है । आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि नेपाल एवं बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही व्यापक वर्षा से उत्तर बिहार के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति अभी भी यथावत बनी हुई है । महानंदा , बखरा , कंकई , परमार , कोसी एवं उसकी अन्य सहायक नदियों में आये उफान के कारण राज्य के पूर्णियां ,किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा,भागलपुर ,कटिहार , सहरसा, सुपौल ,गोपालगंज ,पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले बाढ़ की चपेट में हैं । सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित पूर्णियां मे 24 , कटिहार में 15 , सुपौल में 08 , किशनगंज में 05 ,मधेपुरा में 04 , गोपालगंज में 03 तथा सहरसा एवं अररिया जिले में 01 -01 व्यक्ति की अब तक डूबकर कर मौत हुई है । इसके साथ ही बाढ़ के पानी में डूबकर मरने वालों की संख्या बढकर अब 61 हो गयी है । बाढ़ के पानी में दो पशुओं की भी डूबकर मौत हुयी है । आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि 13 जिलों के 69 प्रखंडों के 2274 गांव के 31 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं । बाढ़ के कारण इन जिलों में 1.61 हेक्टेयर में लगा फसल नष्ट हुआ है । प्रभावित जिलों में उंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर 460 राहत शिविर बनाये गये है । राहत शिविरों में 378257 लोग शरण लिये हुए हैं । प्रभावित लोगों की सुविधा के लिए 175 चिकित्सकों की तैनाती की गयी है । इसी तरह 58 पशु शिविर भी बनाये गये है जहां 24 घंटे पशु चिकित्सकों की तैनाती की गयी है । सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 13 जिलों में राहत वितरण का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। पीड़ित लोगों के बीच चूड़ा ,गुड़ ,दीया सलाई ,मोमवत्ती ,किरासन तेल समेत अन्य आवश्यक उपभोक्ता सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के निर्देश पर पीड़ित लोगों की मदद के लिये विशेष रूप से अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित सुपौल,गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले में राष्ट्रीय आपदा त्वरित बल (एनडीआरएफ) की टीम को लगाया गया है । इसी तरह खगड़िया,सीतामढ़ी ,पूर्णियां ,भागलपुर, मधुबनी एवं मधेपुरा जिले में राज्य आपदा त्वरित बल (एसडीआरएफ) की तैनाती की गयी है । एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो-दो टीम को फिलहाल बिहटा के पटना में सुरक्षित रखा गया है ।
आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित अररिया एवं मधेपुरा जिले में जहां त्वरित कार्यबल को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है वहीं भोजपुर एवं बक्सर जिले से 25-25 सरकारी नौका अररिया भेजा गया है । इसी तरह खगड़िया एवं मुजफ्फरपुर जिले से 25-25 सरकारी नौका पूर्णियां जिले में राहत कार्य के लिए भेजा गया है । साथ ही दरभंगा जिले से एनडीआरएफ के 20 जवानों को किशनगंज के प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है । सूत्रों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 620 सरकारी देशी नौका और 587 निजी नौका को लगाया गया है । इसी तरह किशनगंज जिले में बचाव एवं राहत कार्य के लिए दो मोटर वोट के साथ एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गयी है। इसके अलावा किशनगंज के प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से खगड़िया जिले से छह अतिरिक्त मोटर वोट भेजा गया है । आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि एसडीआरएफ की एक टीम को मधुबनी जिले से कटिहार जिले के प्रभावित इलाकों में भेजा गया है । इसी तरह सीतामढ़ी जिले से एसडीआरएफ की टीम को पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण जिले के प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती की गयी है । केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा , घाघरा और कोसी नदी खतरे के निशान से कई स्थानों पर उपर है । गंगा नदी कहलगांव , साहेबगंज एवं फरक्का में खतरे के निशान से क्रमश: 17 , 30 एवं 69 सेंटीमीटर उपर है । इसी तरह घाघरा नदी दरौली एवं गंगपुरसिसवन में खतरे के निशान से क्रमश: 13 एवं 26 सेंटीमीटर उपर है । सूत्रों ने बताया कि कोसी नदी बालतारा एवं कुरसेला में क्रमश: 136 एवं 28 सेंटीमीटर उपर है । इन नदियों के जलस्तर में कल तक कुछ और स्थानों पर वृद्धि होने की संभावना है । इन नदियों के अलावा बूढ़ी गंडक के खगड़िया में तथा सोन नदी के भोजपुर के कोइलवर एवं पटना के मनेर में वृद्धि होने की संभावना है । इसबीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है ।
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