नयी दिल्ली 04 अगस्त, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति में उप राज्यपाल के पूर्ण शक्ति पर केंद्र की अधिसूचना के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को दिल्ली सरकार उच्चतम न्यायालय में चुनाैती देगी। श्री सिसोदिया ने पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा “ इस संबंध में हम दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। किसी भी फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने का अधिकार हमें संविधान प्रदान करता है।”
श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली अन्य राज्यों से अलग है और यह केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ साथ इसका अपना विधानसभा भी है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों में फैले भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने , अधिकारियों के हस्तांतरण पोस्टिंग में कमीशन प्रणाली की जांच करने के लिए सरकार के पास शक्ति का होना जरुरी है । बिना किसी शक्ति के दिल्ली के लोगों की मांग को कैसे पूरा किया जा सकता है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि राजधानी दिल्ली अभी भी केंद्रशासित प्रदेश है और यहां उप राज्यपाल ही प्रशासनिक प्रमुख हैं । दिल्ली सरकार के इस दलील में दम नहीं है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के मंत्रिपरिषद की सलाह को मानने के लिये बाध्य हैं। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ की खंडपीठ ने दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति में उप राज्यपाल के पूर्ण शक्ति संबंधी केंद्र की ओर से 21 मई 2015 को जारी अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली सरकार की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।
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