पटना। लोहानीपुर में रहते हैं गौरख साहनी और लीला देवी। दोनों के सहयोग से 4 संतान है। 2 लड़की और 2 लड़के। अपने ही संतान से बुजुर्ग मां-बाप परेशान हैं। संतान के दुव्र्यवहारों से हलकान होकर द्यरेलू मसले को गौरख साहनी और लीला देवी कदम कुआं थाने में ले गये। मंथर गति से कार्य होने से उबकर पति-पत्नी कार्यालय, अनुमंडल, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी,पटना सदर के समक्ष आवेदन दिये। इनका लो0 शि0 नि0 वाद सं0 528210116061600135/2016 है। अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का कार्यालयः अनु0 लो0शि0नि0पदा0,पटना सदर की कुमारी सीमा, अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी हैं। इनके समक्ष यहां पर परिवादी उपस्थित हुए। लोक प्राधिकार के प्रतिनिधि (श्री भारत प्रसाद,पुलिस अवर निरीक्षक,कदम कुआं थाना) भी उपस्थित हुए।परिवादी द्वारा दाखिल कागजातों एवं लोक प्राधिकार द्वारा दाखिल प्रतिवेदन (ज्ञापांक 1730/दिनांक-04.07.16) का अवलोकन किया एवं दोनों पक्षों को सुना। परिवादानुसार मामला पारिवारिक विवाद एवं मकान विवाद से उत्पन्न मार-पीट एवं झगड़े से संबंधित है।
लोक प्राधिकार के प्रतिवेदनानुसारः परिवादीनी के पूर्वी लोहानीपुर स्थित मकान में परिविदिनी का बड़ा पुत्र पप्पू साहनी एवं उनकी पुत्रवधू मुन्नी देवी, हमेशा मार-पीट एवं लड़ाई -झगड़ा करते हैं और उनके किरायेदार को धमकी देकर भगा दिये हैं। इसके पूर्व पप्पू साहनी के विरूद्ध 107 द0प्र0स0 की कार्रवाई न्यायालय में चल रही है। जिसमें पप्पू साहनी ने अपने माता-पिता,का भरण-पोषण एवं मर्यादित व्यवहार करने का वादा किये हैं परन्तु उनके द्वारा पुनः माता-पिता को तंग किया जा रहा है एवं किरायादार को तंग कर भगाने की बात प्रकाश में आई है और उनके द्वारा तरह-तरह का धमकी दिया जा रहा है। कदम कुआं थाना में प्राथमिकी दर्जः गौरख साहनी और लीला देवी के संग अत्याचार को दर्शाते आवेदन के आलोक में पुलिस द्वारा पप्पू साहनी के विरूद्ध धारा 116(ं।।।) द0प्र0सं0की कार्रवाई की गयी है जिसका प्राथमिकी सं0 03/2016है। जिससे न्यायालय द्वारा पप्पू साहनी को प्रतिबंधित किया जा सके। उपर्युक्त से यह स्पष्ट होता है कि यह मामला न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है। चूंकि मामला न्यायालय की अधिकारिता में हैं अतः वाद इस सझाव के साथ निष्पादित किया जाता है आवेदक सक्षम न्यायालय में अपना पक्ष रख अनुपोष प्राप्त करें।
सीएम नीतीश कुमार द्वारा 5 जून,2016 से लागू है बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम। गाइड लाइन से अधिकारी इस अधिनियम को क्रियान्वित करते हैं। राज्य,जिला और अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का कार्यालय खोल दिया गया है। यहां पर आवेदन लिया जाता है। किसी भी तरह का आवेदन लेकर पावती दे दी जाती है। इसके बाद आवेदन को देखकर पाॅजिटिव और नेगेटिव करार दिया जाता है। दिव्यांग,आर0टी0आई.राइट टू वर्क,न्यायालय,जे0पी0आंदोलनकारी आदि का नेगेटिव करार दिया जाता है। उसे उसी विभाग में लौटा दिया जाता है जहां पर कार्य में रूकावट है।
आलोक कुमार
पटना।
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