न्यायोचित कार्यवाही तथा राज्य में दलितों पर बढ़ते अत्याचारों की रोकथाम के लिए कदम उठाने की मांग की! क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ताओं ने आज दरभंगा डी.एम कार्यालय पर दरभंगा जिले के पीपरा गाँव में दलित महिला पर हुए जातिवादी हमले व राज्य में लगातार घटित इस तरह की अन्य जातीय उत्पीड़न तथा महिला विरोधी घटनाओं की रोकथाम के लिए तुरंत उचित कदम उठाने की मांग की| ज्ञात हो कि गत 23 जुलाई को पीपरा गाँव में दबंग जाति के गुंडों ने गाँव की एक दलित महिला को डायन बताकर उस पर हमला किया| यही नहीं गाँव के इन दबंगों द्वारा पीड़िता को पूरे गाँव के सामने निर्वस्त्र करके पीटा गया और उसे पेशाब पिलाने की भी कोशिश की गयी| महिला की बेटी ने जब उसे बचाने की कोशिश की तो दबंगों द्वारा उसके साथ भी दरिंदगी की गयी| इस पूरी घटना के बाद पीड़िता और उसकी बेटी को डराया गया और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गयी जिसके डर से पीड़ित अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए| पीड़ित महिला ने प्राथमिकी में बताया की गाँव के यादव जाति के दबंग लोगों ने ही उस पर यह हमला किया परन्तु सभी आरोपी घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर रहे| यह बिहार पुलिस का दलित जाति के प्रति भेदभावपूर्ण चरित्र को उजागर करता है, साथ ही उसके उच्च जातीय गठजोड़ को भी उजागर करता है| गौर करने वाली बात है कि पिछले कुछ समय से बिहार में यादव जाति और अन्य दबंग जातियों की दबंगई बढ़ी है जिसके कारण दलितों पर होने वाला उत्पीड़न भी बढ़ा है|
देश भर में जिस तरह का दलित विरोधी, जातिवादी माहौल बना हुआ है उस समय बिहार में दलितों पर इस प्रकार का हमला, बिहार सरकार का दलित-विरोधी रवैया दर्शाने के लिए काफी है| बिहार में दलित समुदाय का बहुत बड़ा हिस्सा अशिक्षा और बेरोजगारी से ग्रसित है| दलित समुदाय का बहुसंख्यक हिस्सा गाँव में अपने पुश्तैनी कामों में ही फंसा हुआ है और जातीय उत्पीड़न का शिकार हो रहा है| प्रदर्शन में साथियों ने मांग की कि बिहार में दलितों की सुरक्षा के लिए सरकार तत्काल प्रभाव से, वे तमाम जरूरी कदम उठाये जिससे दलितों और महिलाओं पर हो रहे इस तरह के हमलों को रोका जा सके और वह समाज में बिना किसी जातीय भेदभाव का शिकार हुए सम्मानपूर्वक अपना जीवन जी सके| इसके साथ ही प्रदर्शनकारी साथियों ने सभी आरोपियों पर जल्द से जल्द एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई करने की मांग की| प्रदर्शनकारियों ने पीड़िता को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान करने की बात करते हुए इस हमले की सुनवाई फ़ास्ट-ट्रैक-कोर्ट में करने, जिससे पीडिता को जल्द से जल्द न्याय मिल सके, इसकी मांग भी की|
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