आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन काँग्रस (एटक) की आम सभा स्थानीय मुक्ताकाष मंच नृत्कला मंदिर में सम्पन्न हुआ। सभा की अध्यक्षता बिहार एटक के महासचिव का॰ चक्रधर प्रसाद सिंह ने की। सभा को एटक के राष्ट्रीय सचिव सह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव का॰ अमरजीत कौर ने संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए अमरजीत कौर ने कहा कि आजादी के बाद मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती। आज केन्द्र की सरकार स्थायी कार्य के लिए ठेका एवं अस्थायी कर्मचारी का नियोजन करती है। चाहें, आषाकर्मी, आंगनबाड़ी, कम्प्यूटर आॅपरेटर, रसोइया, कर्मचारी आदि का सवाल हो, समान काम का समान वेतन नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 74 सार्वजनिक संस्थानों को बेचने का मन बना चुकी है, जो कोड़ियों के भाव में पूंजीपतियों को बेचने पर आमादा है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में खेत मजदूरों की बड़ी तादाद है। खेत मजदूर धरती से अनाज पैदा कर पूरे दुनिया को खिलाता है। परंतु उसकी स्थिति काफी दयनीय है, उनके बच्चे की पढ़ाई, स्वास्थ्य, आवास एवं जीवन जीने के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत है, हम मांग करते है कि खेत मजदूरों के लिए केन्द्रिय कानून बनें। निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, छोट-छोटे दुकानदार, परिवहन कर्मी आदि के लिए कौन सोचेगा?
उन्होंने आगे कहा कि देष के गरीब जनता के लिए आज सोचने के लिए ही एटक ने बिहार में 27-29 नवम्बर, 2016 तक पटना में राष्ट्रीय सामान्य परिषद की बैठक रखा है। बैठक में मजदूरों के वेतन, पेंषन एवं उनके अन्य समस्या पर जैसे कारपोरेट घरानों के हित में चल रही है, गरीबों, को यह सच्चाई जानकार इस पूंजीपति एवं कारपोरेट परस्त सरकार को धक्के देकर सत्ता से बाहर करने की जरूरत है। मजदूर भाईयों नोट काला या सफेद नहीं होता है बल्कि उसे कैसे कमाया जाता है, मेहनत से या टैक्स चोरी करके कमाया गया है, इस पर निर्भर करता है। आज सरकार की नोटबंदी से आम लोग परेषान है, कालेधन पर कोई आंच नहीं आ रही है। मोदी सरकार खिलाफ बोलने वालों की जुबान बंद करती है। जुबान बंद करना देषद्रोह है। उन्होंने आगे कहा कि 1920 में एटक बना और इस संगठन का देष की आजादी के लिए कुर्बानियांे का इतिहास हैं आज जो केन्द्र की सकरार चला रहे है, नरेन्द्र मोदी की पार्टी बी.जे.पी. की मातृ संगठन आर॰एस॰एस॰ ने देष की आजादी में कोई भूमिका नहीं अदा किया। अंग्रेजों की दलाली करते वाले लोग बेषर्मी के साथ देषभक्ति का पाठर पढ़ाते हैं।
सभा को एटक के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद गुरूदास दास गुप्ता ने संबोधित करते कहा कि खेत मजदूर, निर्माण मजदूर, स्कीम वर्कर्स तथा दूसरे मजदूरों की बड़ी तादाद यहां उपस्थित है, आज देष की अस्मिता, आजादी खतरे में है, आज नोटबंदी के कारण मजदूरी का पैसा नहीं है, जाने आने के लिए पैसा नहीं, चावल दाल, भोजन खरीदने के लिए पैसा नहीं है । हम कालाधन की लड़ाई में साथ है, परंतु कालेधन के नाम पर जनता की तबाही हम बर्दास्त नहीं करेंगे। बी.एम.एस. को छोड़कर देष के मजदूरों के सवाल पर सभी मजदूर संगठन हमारे साथ है। उन्होंने कहा लड़ाई करके जीना होगा, जीने के लिए लड़ाई करना होगा, हिन्दुस्तान में मजदूरों के हक में लड़ने वाले संगठन का नाम एटक है। आषा आंगनबाड़ी, खेत मजदूर, निर्माण मजदूर, आषाकर्मी आदि का यूनियन बनाकर जुल्म के खिलाफ लड़ना होगा। उन्होंने क्यूबा क्रांति के जनक फिदेल कास्त्रों के 90 वर्षों में कल हुए निधन पर कहा कि फिदेल कास्त्रों अमर हैं, क्यूबा की क्रांतिकारी जनता ने फिदेल की आत्मा बसती है। हिन्दुस्तान को बदलने के लिए जितना भी लम्बा लड़ाई हो हमारी एटक लड़ेगी। फिदेल का रास्ता हमारा रास्ता है, क्यूबा का रास्ता हमारा रास्ता है। उन्होंने आगे कहा कि समाजवाद का रास्ता हमारा रास्ता है। उन्होंने अंत में कहा कि लड़ते-लड़ते आगे बढ़ेंगे और लड़कर भारत को बदलेंगे।
सभा के बाद 5 बजे एटक के राज्य कार्यालय केदार भवन में झंडोत्तोलन कार्यक्रम हुआ। एटक का झंडोत्तोलन एटक के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद कामरेड गुरूदास दास गुप्ता ने किया। इस अवसर पर झंडा गीत गया गया। झंडोत्तोलन के बाद अवर अभियंता संघ भवन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सामान्य परिषद की बैठक प्रारंभ हुआ।
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