पटना 24 नवम्बर, विमुद्रीकरण के करीब एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद मांग के अनुरूप बैकों में करेंसी नोटों की आपूर्ति नहीं किये जाने को लेकर राज्य के हजारों बैंककर्मी अगले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक के समक्ष प्रदर्शन करेंगे। बैंक इम्पलाइज फेडरेशन , बिहार के अध्यक्ष बी. प्रसाद ने आज यहां कहा कि आठ नवम्बर को पांच सौ और हजार रूपये के नोट की वैद्यता समाप्ति की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के अगले दिन से बैंक शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लम्बी कतारें लगनी शुरू हो गयी लेकिन मांग के अनुरूप राज्य के ग्रामीण ,शहरी तथा अर्द्धशहरी क्षेत्रों में बैंकों के पास कैश उपलब्ध नहीं रहने के कारण ग्राहकों को कई बार खाली हाथ लौटना पड़ा। इकई जगह उग्र भीड़ ने बैंक कर्मचारियेां के साथ उलझने की कोशिश की लेकिन बैंक कर्मचारियों ने साहस तथा धैर्य का परिचय दिया । उन्होंने कहा कि बैंक के कई करेंसी चेस्ट 24 घंटे खुले रहे तथा जब तक संभव हो सका एक केन्द्र से दूसरे केन्द्र पर पैसे भेजे गये । बैंककर्मियों ने 11 बजे रात्रि तक पंक्तिबद्ध खड़े लोगों को सेवायें दी। श्री प्रसाद ने कहा कि केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की अलग-अलग घोषणाओं के पश्चात भी बैंकों को नोट की आपूर्ति नहीं की गयी है जिसके कारण आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों के अलावा कृषि कार्य , निर्माण कार्य इत्यादि पूरी तरह से प्रभावित हुए है । जिस रफ्तार से नोटों की आपूर्ति की जा रही है ऐसा प्रतीत होता है कि स्थिति सामान्य होने में कम से कम छह महीना लगेगा । विमुद्रीकरण किये जाने के पश्चात करेंसी की आपूर्ति योजनाबद्ध तरीके से नहीं की गयी जिससे कई जगहों पर अराजक स्थिति उत्पन्न हो गयी। अध्यक्ष ने करेंसी नोटों की मांग के अनुरूप तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही निर्धारित सीमा में निकासी पर लगी रोक को हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता तो बैककर्मी नोटबंदी के खिलाफ रिजर्व बैंक के समक्ष अगले सप्ताह प्रदर्शन करेंगे।
गुरुवार, 24 नवंबर 2016
कैश की कमी काे लेकर आरबीआई के समक्ष प्रदर्शन करेंगे बैंककर्मी
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