पटना, 26 नवम्बर। ,यह जानकारी पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने आज यहां प्रेस को जारी एक बयान में दी है। बयान में सत्य नारायण सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 8 नवम्बर, 2016 से 500 रूपये तथा 1000 रूप्ये के नोटों पर बंदिष लगा दिया है। इससे आम जनता की परेषानियाँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कालाधन पर रोक लगाने के नाम पर बिना यह विचार किये कि सरकार के इस फैसले का जनजीवन पर क्या कुप्रभाव पड़ेगा केन्द्र सरकार ने गैर जिम्मेदारान। ढ़ंग से नोटबंदी के फैसले को लागू कर दिया। केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए श्री सिंह ने कहा कि खुदरा बाजार में बिक्री बहुत घट गई है क्योंकि उपभोक्ताओं के पास बाजार में सामान खरीदने के पैसे नहीं हैं। छोटे-छोटे निर्माण कार्य ठप्प हो गये हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। शादी-ब्याह वाले परिवार तो और ज्यादा परेषानी झेल रहे हैं। बैंकों में आवष्यकतानुसार रूपये नहीं है। अधिकांष, एटीएम बंद पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो आम जनता की परेषानियाँ और ज्यादा है; क्योंकि बैंकों की शाखाएँ घर से बहुत दूर होती हैं। आम जनता की इन परेषानियों को देखते हुए भी मोदी सरकार उनके राहत के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रही है।
नोटबंदी के पीछे कालाधन पर अंकुष लगाने की बात मोदी सरकार और भाजपा का ढांेग है। कालाधन के मामले में केन्द्र सरकार गंभीर नहीं है। देष के बाहर बैंकों में भारत का बहुत कालाधन है। उसे लाने को मोदी का वादा टाॅय-टाॅय फीस हो गया। देष के अन्दर कालाधन रखने वाले वे हैं जिन्होंने लाखों करोड़ रूपये बैंकों का कर्ज रखे हुए हैं। वे है जो करोड़ों रूपये के बड़े-बड़े फार्म बनाये हुए हैं। वे हैं जो करोड़ों रूपये का सालाना करोबार करते हैं। लेकिन भाजपा की केन्द्र सरकार इनके कालेधन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। अपने इस बिफलताओं को छिपाने के लिए केन्द्र सरकार ने नोटबंदी का संवेदनषील फैसला करके देष के आम आदमी के सामने परेषानियों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार आम जनता के प्रति गैर जवाबदेह है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने देष की आम जनता की परेषानियों को देखते हुए फैसला किया है कि 23 नवम्बर को बिहार के सभी जिलों में नोटबंदी के खिलाफ पार्टी विरोध प्रदर्षन करेगी। हमारी मांग है कि जनता की परेषानियों को दृष्टि में रखते हुए केन्द्र सरकार जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है। तब तक वह नोटबंदी के फैसले को लागू नहीं करें।
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