नई दिल्ली, 25 नवम्बर, 2016, सुखी परिवार अभियान के प्रणेता और प्रख्यात जैन संत गणि राजेन्द्र विजयजी ने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए आर्थिक समानता जरूरी है। एक के पास विशाल अट्टालिकाएं हंै, दूसरा फुटपाथ पर जिंदगी बिताता है। एक को भोजन पचाने के लिए गोली खानी पड़ती है, दूसरी ओर पेट भरने के लिए अन्न भी नहीं है। एक ओर दिन में चार बार डेªस परिवर्तन होता है, दूसरी ओर तन ढकने के लिए पूरा वस्त्र नहीं मिलता। यह विषमता विद्रोह को पैदा करती है। विद्रोही व्यक्ति क्रूर और हिंसक बन जाता है।
गणि राजेन्द्र विजयजी कुरूक्षेत्र के सांसद श्री राजकुमार सैनी के नेतृत्व में आयोजित सामाजिक न्याय समानता महासम्मेलन के संदर्भ में 10 पंडित पंत मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित संगोष्ठी में उक्त उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर आयोजित इस महासम्मेलन के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि देश की जनता का विश्वास पुरुषार्थ में होना चाहिए। कालेधन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकता है जनता और नेता आत्मनिरीक्षण करके देश की समस्या को सुलझाने में अपना योगदान दे। इस अवसर पर सांसद श्री राजकुमार सैनी का साहित्य प्रदत्त कर सुखी परिवार फाउंडेशन के संयोजक श्री ललित गर्ग ने सम्मान किया। पत्रकार एवं किसान यात्रा संदेश के प्रधान संपादक पं. श्री नरेन्द्र शर्मा ने समानता समागम के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लोकतंत्र सुरक्षा मंच द्वारा 28 नवम्बर 2016 को आयोजित इस महासम्मेलन से हरियाणा की राजनीति को एक नई दिशा मिलेगी। इस अवसर पर श्री सैनी ने महावीर की पाट परम्परा पुस्तक को भी लोकार्पित किया।
श्री राजकुमार सैनी ने कहा कि धर्मनगरी एवं महाभारत युद्ध की रणभूमि कुरुक्षेत्र में सामाजिक न्याय एवं समानता की स्थापना के लिए एक नया इतिहास निर्मित होने जा रहा है जिससे हरियाणा में खुशहाली की नयी दिशाएं उद्घाटित होंगी। देश की एक ज्वलंत समस्या है आर्थिक विषमता। इसी ने लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर किया है। आर्थिक और सामाजिक समानता के बिना लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता। समानता महासमागम का उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत बनाना है। विदित हो कि इस समानता महासम्मेलन में लाखांे भाई-बहनों की भाग लेने की संभावना है।
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