सीएनटी एसपीटी संशोधन मुद्दे पर झारखंड विधानसभा बना अखाड़ा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 24 नवंबर 2016

सीएनटी एसपीटी संशोधन मुद्दे पर झारखंड विधानसभा बना अखाड़ा

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रांची 23 नवंबर, झारखंड में छोटा नागुपर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) में संशोधन के मुद्दे पर विपक्ष का विरोध इतना अधिक बढ़ा कि देखते ही देखते विधानसभा अखाड़े में तब्दील हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकी, विधेयक की प्रति जलाई गई और अंत में मार्शल की जमकर पिटाई हुई। विधानसभा के जारी सत्र के दौरान आज सदन में सीएनटी और एसपीटी संशोधन विधेयक को पेश किया गया। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और इसके विरोध में नारे लगाने लगे। इस बीच विधायकाें ने एक दूसरे पर कुर्सियां फेकनी शुरू कर दी। इस बीच एक कुर्सी विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव पर भी फेकी गई। हालांकि उन्होंने किसी तरह खुद को बचाया। ताेरपा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक पोलुस सुरीन ने विधानसभा के मार्शल की जमकर पिटाई कर दी जबकि विधायक शशिभूषण समद, अमित महतो और कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी सदन में तोड़फोड़ और हंगामा करने वालों में प्रमुख रहे। विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12:45 बजे तक के लिए स्थगति कर दी। हालांकि इस बीच अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई लेकिन सीएनटी और एसपीटी संशोधन मुद्दे पर जारी गतिरोध को समाप्त करने में वह विफल रहे। उन्होंने सदन की कार्यवाही को पुन: 2.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इस बीच विधायक टेबल पर खड़े होने के अलावा सदन में स्प्रे छिड़कना शुरू कर दिया। हालांकि मुख्यमंत्री रघुवर दास और ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा इस हंगामे से अलग रहे। इसके बाद जब सदन की कार्यवाही पुन: शुरू हुई तो खेल एवं पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने एक बार फिर विधेयक पेश किया, जिसे सदन ने हंगामे के बीच पारित कर दिया। 

सदन में सीएनटी और एसपीटी संशोधन विधेयक के पारित होने की खबर आग की लपट की तरह फैल गई। भारी संख्या में विपक्ष के विधायकों ने राजधानी रांची के सैटेलाइट चौक पर जमा होकर विधेयक के विरोध में नारे लगाते हुये हंगामा करना शुरू कर दिया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर आदिवासियों के हितों की अनदेखी करते हुये कॉर्पोरेट से हाथ मिलाने का आरोप लगाया और कहा कि पूरा विपक्ष यहां तक कि सरकार में शामिल विधायकों ने भी इस विधेयक का विरोध किया। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार ने इसे पारित कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि इस विधेयक में किसी भी तरह के बदलाव को मंजूर नहीं किया जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता गौतम सागर राणा ने भी इस संशोधन विधेयक का विरोध किया। 
विपक्ष के हंगामे को देखते हुये सैटेलाइट चौक के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया । पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की ओर से पथराव शुरू करने के बाद उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कल धनबाद में कहा था कि सरकार सीएनटी और एसपीटी अधिनियम में संशोधन करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। लेकिन, इस मुद्दे पर विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में संशोधन के जरिये किसी भी शर्त पर औद्योगिक एवं कॉर्पोरेट घरानों को फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

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