झारखण्ड विधानसभा में सीएनटी व एसपीटी (छोटानागपुर व संताल परगना टिनेंसी एक्ट) एक्ट में संशोधन प्रस्ताव पास के विरुद्ध संयुक्त विपक्षियों द्वारा दिन शुक्रवार (25 नवम्बर 2016) को आहुत झारखण्ड बंद के दौरान दुमका-पाकुड़, मार्ग पर एस0 पी0 महाविद्यालय, दुमका के समीप बंद समर्थकों ने चार ट्रक (हाईवा) सहित एक बस व एक मारुति को आग के हवाले कर दिया। समाचार लिखे जाने तक स्थिति काफी तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में थी। डीआईजी दुमका ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी जली गाड़ियों को घटनास्थल से हटाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होनें कहा इस कांड में सलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध काूननी कार्रवाई की जाऐगीं। इससे पूर्व डीसी व एसपी दुमका ने घटनास्थल का जायजा लिया तथा पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। दुमका नगर व मुफस्सिल थाना सहित अन्य थाने की पुलिस टीम घटनास्थल पर बनी हुई थी। प्राप्त समाचार के अनुसार बंद समर्थकांें ने तकरीबन 20 ट्रकों के सामने वाले शीशे भी तोड़ डाले। ट्रकों के ड्राईवर व खलासी आक्रोशित भीड़ को देखते ही अपनी-अपनी जान बचाकर रफूचक्कर हो लिये। इधर सभी गाड़ियाँ धू-धू कर जल रही थी। भारी हुजूम आगजनी को देखती रही। झारखण्ड बंद समर्थकों का दावा है कि उप राजधानी दुमका में सौ फीसदी बंद सफल रहा।
प्रमुख विपक्षी पार्टी झामुमों सहित काॅग्रेस, राजद, जदयू, सीपीएम व अन्य छोटी-छोटी पार्टियों ने संयुक्त रुप से बंद का आहवान किया था। इस दौरान बाजार स्वतः स्फूर्त बंद रहा। इक्के-दुक्के वाहन ही सड़कों रेंगते हुए देखे गए। एसबीआई मेन बाजार गेट पर बंद समर्थकों ने बैंककर्मियों सहित ग्राहकों को अंदर जाने से रोक दिया तथा लगभग एक घंटे तक रघुवर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए धरना पर बैठे रहे। इधर झामुमों जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह, काॅग्रेस जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह, राजद जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार यादव व अन्य ने बंद को पूर्णतः सफल बताया। उपरोक्त नेताओं ने कहा सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष द्वारा आहूत इस बंदी में जनता का पूरा समर्थन मिला। बाजार स्वतः स्फूर्त बंद रहा। इस बीच जेएमएम सहित कांग्रेस, राजद व अन्य दलों के 134 कार्यकर्ताओं ने नगर थाना में अपनी-अपनी गिरफतारियाँ दी। राजद की ओर से अमरेन्द्र कुमार यादव, जीतेश कुमार दास, जयधन मुर्मू, राजेश रंजन यादव,सुबोध यादव,हरि मंडल उर्फ झारखंडी लालू, लक्ष्मीनारायण राउत, संजय कुमार यादव, कंचन यादव,बिनोद यादव, सदानंद राय, जुलकर अंसारी सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए। पूरा दिन बंद समर्थको के नाम रहा। सड़को पर घुम-घुम कर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी चलती रही। दूकान-बाजार से लेकर पेट्रोल पम्प तक बंद नजर आए। सड़कों पर इक्की-दुग्गी दोपहिया वाहनों के अलावे दिन भर सारी सड़क विरान रही।
डीसी चैक, एसपी काॅलेज रोड, महारो मोड़, दुधानी, कुरुवा, पत्ताबाड़ी, रानेश्वर, काठीकुण्ड, गोपीकान्दर, जरमुण्डी, बासुकिनाथ, जामा, मसलिया, शिकारीपाड़ा, सरैयाहाट, रानेश्वर इत्यादि से भी बंद के समर्थन में दूकाने बंद रही। आवाजाही पूरी तरह बाधित रहा। पत्थर उद्योग के लिये विख्यात शिकारीपाड़ा के सरसडंगाल, मकरापहाड़ी, जियापानी, चायपानी, हरिपुर, बेनागड़िया, चित्रागड़िया, अहरीचुआँ इत्यादि क्षेत्रो में पत्थर उद्योग पूरी तरह प्रभावित रहा। करोड़ों रुपये का नुकसान व्यापारियों को झेलना पड़ा। दुमका जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की चैकसी के बावजूद बंद समर्थकों के आक्रोश से सभी सहमें दिखे। इस अभूतपूर्व बंदी से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित दिखा।
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