- 31 दिसबंर तक 500 व 1 हजार रु. के पुराने नोटों को सभी कानूनी ट्रांजेक्शन मंे मान्यता दी जाए.
- किसानों के सारे कर्ज माफ किये जाएं और बैंकों द्वारा पूंजीपतियों-उद्योगपतियों को दी गयी 11 लाख करोड़ की लोन माफी रद्द करो.
पटना 23 नवम्बर 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर 6 वाम दलों की संयुक्त बैठक में 24 से 30 नवम्बर तक नोटबंदी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध के तहत बिहार में भी जोरदार अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है.उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में 6 वाम दल क्रमशः सीपीआई, सीपीआई(एम), भाकपा-माले, आरएसपी, आॅल इंडिया फारवर्ड ब्लाॅक और एसयूसीआई(सी) की संयुक्त बैठक में यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि वाम दलों ने कहा है कि नोटबंदी ने आम लोगों, खासकर हाशिए केे लोगों पर बेहद बुरा असर डाला है. अबतक 70 लोगों की मौत हो चुकी है. मिहनकतश जनता, दिहाड़ी मजदूर, खेत मजदूर, किसान, मछलीउत्पादक, मनरेगा मजदूरों आदि समुदाय के पास विनिमय का एक मात्र साधन कैश था, लेकिन सरकार ने एक झटके में इसे तबाह कर दिया है. वे बेहद कष्ट और अनकही पीड़ा से गुजर रहे हैं. अब यह भी पूरी तरह साफ हो गया है कि सरकार ने बिना होमवर्क और यथोचित तैयारी के बिना यह कदम उठाया है. बैठक में केंद्र सरकार से मांग की गयी है कि सभी कानूनी व वैध ट्रांजेक्शन में 500 व 1 हजार रु. के नोट को 31 दिसंबर तक चालू रखने की अनुमति प्रदान की जाए.
राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत किसानों के सभी कर्जे माफ करने और बैंकों द्वारा पूंजीपतियों-उद्योगपतियों को दी गयी 11 लाख करोड़ की लोन माफी तत्काल खत्म करने की मांग की जाएगी. वाम दलों ने पनामा लीक में आए विदेशों में काला धन रखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई, सहारा बिड़ला डायरी के अनुसार अवैध धन लेने वालों की जांच करके आपराधिक मुकदमा चलाने, नोटबंदी के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने व जिनकी रोजी-रोटी प्रभावित हुई उन्हें वाजिब राहत देने, सहकारी बैंकों को तत्काल चालू करने आदि की भी मांग की है.
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