नयी दिल्ली,25 नवम्बर, उच्चतम न्यायालय ने सहारा और आदित्य बिड़ला समूह द्वारा राजनेताओं को धन उपलब्ध कराने के आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने संबंधी याचिका की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया । न्यायमूर्ति जे एस केहर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इस तरह के आरोपों पर कार्रवाई की जाने लगे तो हर कोई फंसता नजर आयेगा । न्यायालय ने याचिकाकर्ता गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर से पेश हो रहे वकील शांति भूषण से कहा कि कोई भी असामाजिक तत्व किसी के नाम से भी इस तरह की एंट्री कर सकता है। हालांकि न्यायालय ने याचिकाकर्ता को 14 दिसम्बर तक का समय देते हुए कहा कि वह अपनी याचिका के समर्थन में और अधिक दस्तावेज उपलब्ध कराये। कॉमन कॉज ने दो बड़ी कंपनियों पर पड़े छापों में बरामद दस्तावेजों की एसआईटी जांच के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का दावा है कि इन दोनों कंपनियों पर पड़े छापों में कई दस्तावेज बरामद हुए थे, जिनमें देश की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं और अधिकारियों को पैसे देने का उल्लेख किया गया है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सहारा समूह और बिड़ला समूह के दफ्तरों पर मारे गये छापों के दौरान जब्त दस्तावेजों में घूस लेने वालों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी (मौजूदा प्रधानमंत्री)के नाम शामिल हैं।
शुक्रवार, 25 नवंबर 2016
मोदी घूस मामला : एसआईटी जांच संबंधी याचिका की सुनवाई से इन्कार
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