नोटबंदी के खिलाफ बिहार बंद को लेकर वाम दलों ने झोकी ताकत, पटना में कई जगहों पर नुक्कड़ सभायें. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 नवंबर 2016

नोटबंदी के खिलाफ बिहार बंद को लेकर वाम दलों ने झोकी ताकत, पटना में कई जगहों पर नुक्कड़ सभायें.

  • पटना साहिब, कंकड़बाग और दीघा के इलाके में भी हुई नुक्कड़ सभायें.

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पटना 26 नवम्बर 2016, नोटबंदी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत आहूत 28 नवंबर के बिहार बंद में वाम दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों में बंद के समर्थन में आज प्रचार जत्था निकला है. राजधानी पटना में मुख्य इलाकों के अलावा चितकोहरा, कंकड़बाग और पटना सिटी में भी बंद के प्रचार की गाड़ी निकली हुई है. भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, सिवान, गोपालगंज, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर आदि जिला केंद्रों व चट्टी बाजारों में नोटबंदी के पीछे कारपोरेट घराने को छूट देने की मोदी की असली मंशा को पर्चा, नुक्कड़ सभा, मोटरसाइकल मार्च आदि के जरिए प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है. भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा, राज्य कमिटी सदस्य काॅ. कमलेश शर्मा, सीपीआईएम नेता काॅ. भेाला प्रसाद, एसयूसीआई (सी) नेता काॅ. निकोलाई, इनौस नेता मनीष कुमार सिंह, आइसा के नेता संतोष आर्या तथा सीपीआई नेताओं ने आज पटना शहर में कई जगहों पर नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया. गांधी मैदान स्थित कारगिल चैक, स्टेशन गोलंबर, सचिवालय, पटना यूनिवर्सिटी इलाका आदि जगहों पर नुक्कड़ सभायें आयोजित की गयीं.

नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र ने कहा कि नोटबंदी का सबसे बुरा असर मजदूर वर्ग और मिहनतकश समुदाय पर ही पड़ा है. दिहाड़ी मजदूर, खेत मजदूर, किसान, मछलीउत्पादक, मनरेगा मजदूर, कारखाना वर्कर आदि मिहनतकश समुदाय के पास विनिमय का एक मात्र साधन कैश ही था, लेकिन सरकार ने एक झटके में इस तबके को तबाह कर दिया है. वे बेहद कष्ट और अनकही पीड़ा से गुजर रहे हैं.  वहीं, कमलेश शर्मा ने कहा कि किसानों की हालत बद से बदतर कर दी है. यह बुआई का समय है, लेकिन किसानों को न तो खाद मिल रहा है और ही बीज. इसका बेहद नकारात्क असर खेती पर पड़ेगा. सहकारी बैंकों द्वारा कैश ट्रांसफर बेहद देरी से उठाया गया कदम है, जबकि किसानों का सबसे जीवंत संबंध इसी बैंक से होता है. इसलिए सरकार को किसानों के सभी कर्जे तत्काल माफ करने चाहिए और पूंजीपतियों का 11 लाख करोउ़ का बकाया उनकी संपत्ति जब्त कर वसूल की जाए.

वहीं, दीघा विधानसभा के विभिन्न इलाकों में माले की केंदीय कमिटी सदस्य शशि यादव, माले के पटना जिला कमिटी के सदस्य मुर्तजा अली व आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप ने चितकोहरा, अनीसाबाद, खगौल, गर्दनीबाग, सचिवालय आदि क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया. बंद के समर्थन में अपने वक्तव्य में शशि यादव ने कहा कि मोदी सरकार के एक फैसले की वजह से आज सारी महिलायें शक के घेरे में आ गयी हैं. उनका धन काला धन साबिज हो गया है, लेकिन असली काले धन वाले चैन की नींद सो रहे हैं. पटना सिटी में नसीम अंसारी, नवीन कुमार, अनय मेहता और शंभूनाथ मेहता ने प्रचार की कमान संभाल रखी है. कंकड़बाग माले राज्य कमिटी सदस्य रणविजय कुमार, पन्नालाल सिंह, अशोक कुमार, तारिक अनवर आदि नेताओं ने बिहार बंद के समर्थन में प्रचार अभियान को संगठित किया.

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