मुंबई 24 नवंबर, मजबूत डॉलर, विदेशी निवेशकों के भारी मात्रा में डॉलर निकालने तथा घरेलू शेयर बाजार की गिरावट के चौतरफा दबाव में आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में कारोबार के दौरान रुपया अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर 68.86 रुपये प्रति डॉलर तक उतर गया। इससे पिछला रिकॉर्ड निचला स्तर 68.85 रुपये प्रति डॉलर रहा था जो 28 अगस्त 2013 को दर्ज किया गया था। भारतीय मुद्रा के ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर तक लुढ़क जाने के बाद रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से कुछ वापसी करते हुये यह गत दिवस की तुलना में 18 पैसे की गिरावट के साथ 68.74 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुयी जो 28 अगस्त 2013 के बाद का निचला बंद भाव है। उस दिन रुपया 68.80 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। लगातार पाँच कारोबारी दिवस में रुपया कुल 91 पैसे टूट चुका है। गत दिवस 31 पैसे फिसलकर यह 68.56 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। आज शुरू से ही इस पर दबाव रहा और यह 23 पैसे लुढ़ककर 68.79 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान दोपहर से पहले ही यह 68.86 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक फिसल गया। कारोबारियों ने बताया कि रुपये को बहुत ज्यादा गिरने से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से बाजार में डॉलर की बिकवाली शुरू कर दी। इससे भारतीय मुद्रा पर दबाव थोड़ा कम हुआ और यह 68.59 रुपये प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर पर पहुँचने में कामयाब रही। बाजार बंद होते समय यह गत दिवस की तुलना में 18 पैसे लुढ़ककर 68.74 रुपये प्रति डॉलर पर रहा। कारोबारियों के अनुसार, दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोर पड़ा है। शेयर बाजार की गिरावट तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) के बाजार से बड़ी मात्रा में डॉलर निकालने से भी इस पर दबाव बढ़ा। सेंसेक्स आज करीब 192 अंक लुढ़क गया। एफपीआई ने भी 58.99 करोड़ डॉलर (4039.43 करोड़ रुपये) के शेयरों तथा डेट की शुद्ध बिक्री की।
गुरुवार, 24 नवंबर 2016
चौतरफा दबाव में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसला
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