मुंबई 24 नवंबर, पूर्व प्रधानमंत्री तथा जानेमाने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के इस बयान से कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की विकास दर में दो प्रतिशत की गिरावट आयेगी तथा रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर तक टूट जाने से पैदा कमजोर निवेश धारणा के कारण दो दिन की तेजी खोता हुआ आज शेयर बाजार एक बार फिर गिरावट में चला गया। बीएसई का सेंसेक्स 0.74 प्रतिशत यानी 191.64 अंक फिसलकर 26 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 25,860.17 अंक पर बंद हुआ। लगातार नौ कारोबारी दिवस में से सात में सेंसेक्स लाल निशान में बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 0.84 फीसदी यानी 67.80 अंक टूटकर 7,065.50 अंक पर बंद हुआ। डॉ. सिंह ने आज राज्य सभा में कहा कि एक हजार रुपये तथा 500 रुपये के पुराने नोटों को प्रतिबंधित किये जाने के बाद उत्पन्न तरलता तथा नकदी की कमी से देश की आर्थिक विकास दर दो प्रतिशत घट जायेगी। इसके अलावा नोटबंदी के बीच अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत से डॉलर के मुकाबले रुपया आज अब तक के रिकार्ड के निचले स्तर पर पहुँच गया। इससे भी शेयर बाजार पर दबाव पड़ा। बीएसई में आईटी और टेक सहित पाँच समूहों को छोड़कर शेष 15 में गिरावट रही। सबसे ज्यादा 1.45 प्रतिशत की गिरावट बैंकिंग में रही। सेंसेक्स के लुढ़कने में भी सर्वाधिक योगदान बैंकिंग कंपनियों का ही रहा। एक्सिस बैंक के शेयर ढाई फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक के दो फीसदी तथा एचडीएफसी बैंक के डेढ़ फीसदी से ज्यादा टूटे। हालाँकि, सबसे ज्यादा 3.89 प्रतिशत की गिरावट टाटा मोटर्स में देखी गयी। मझौली तथा छोटी कंपनियों पर दिग्गज कंपनियों के मुकाबले कम दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 0.13 प्रतिशत तथा स्मॉलकैप 0.11 प्रतिशत फिसलकर क्रमश: 12,026.26 अंक तथा 11,792.28 अंक पर आ गया।
गुरुवार, 24 नवंबर 2016
नोटबंदी और रुपये के दबाव में लुढ़का सेंसेक्स
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