पटना 27 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के महागठबंधन के समर्थन पर पुनर्विचार करने की धमकी से डर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि जदयू ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर यह स्वीकार कर लिया कि पड़ोसी राज्य में उनके दल की कोई हैसियत नहीं है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि जदयू के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने पर राजद और कांग्रेस ने बिहार में महागठबंधन पर फिर से विचार करने की धमकी देकर श्री कुमार को कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों तक सीमित पार्टियां भी जदयू से गठबंधन करना नहीं चाहतीं हैं। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की चाहत रखने वाले श्री कुमार के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले ही चुनाव में पार्टी को जमीनी हकीकत का अंदाजा लग गया है। इस बीच बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक राजद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू के धर्मनिरपेक्ष मतों के विभाजन को रोकने की दलील देकर चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के एेलान को नकारते हुए कहा कि वास्तव में इस दल का पड़ोसी राज्य में कोई वजूद ही नहीं है। राजद के वरिष्ठ नेता और मनेर से पार्टी के विधायक भाई विरेन्द्र ने कहा कि विभिन्न प्रलोभनों के माध्यम से जुटाई गयी भीड़ के बल पर किसी दल का जनाधार नहीं बनता है । उन्होंने साफ किया कि जदयू का उत्तर प्रदेश में कोई जनाधार ही नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि श्री कुमार ने पिछले साल शराबबंदी के बहाने बनारस-इलाहाबाद समेत कई स्थानों पर करोड़ों रुपये खर्च कर सभाएं की थीं और बिहार के दर्जनों विधायकों , मंत्रियों को पार्टी की जमीन बनाने के काम में झोंक दिया था। कभी जयंत चौधरी तो कभी आर सी पी सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने की कोशिश की गई। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सारी कोशिशों के बावजूद न तो समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और न ही उत्तर प्रदेश में चौथे नंबर की पार्टी कांग्रेस ने ही श्री कुमार को घास डाली। राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजीत सिंह की पार्टी ने भी उनसे हाथ खींच लिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के चुनाव में जदयू के सभी 225 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। इस जीरो बैलेंस वाली पार्टी के अध्यक्ष दावा कर रहे थे कि उनके दबाव में अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। श्री मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद और विधान सभा चुनाव में उम्मीदवारी के मामले में भाजपा ने पिछड़ा समुदाय को जो सम्मानजनक हिस्सेदारी दी है, उससे कोई भी पिछड़ा समाज को भाजपा से तोड़ने में कामयाब नहीं होगा।
शुक्रवार, 27 जनवरी 2017
लालू और कांग्रेस के डर से यूपी में चुनाव नहीं लड़ रहा जदयू : भाजपा
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