बुलंदशहर करेगा लालू के दामाद के राजनीतिक भविष्य का फैसला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 जनवरी 2017

बुलंदशहर करेगा लालू के दामाद के राजनीतिक भविष्य का फैसला

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बुलन्दशहर, 30 जनवरी, राजनीतिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण और प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री देने वाले बुलन्दशहर में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कोई विशेष मुखौटा नहीं है लेकिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद राहुल यादव की साख दांव पर लगी है। श्री लालू प्रसाद यादव के दामाद राहुल यादव समाजवादी पार्टी(सपा) के टिकट पर सिकन्द्राबाद सीट से मैदान में है। हालांकि यह सीट इनके लिये नयी नहीं है। यहां से इनके पिता जितेन्द्र यादव विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)की विमला सोलंकी से राहुल यादव को कडा मकाबला करना पड सकता है। विमला साेलंकी ने पिछले चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सलीम अख्तर को मात्र 124 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। बुलन्दशहर जिले ने प्रदेश को अब तक बनारसीदास, रामप्रकाश गुप्ता और सुश्री मायवाती तीन मुख्यमंत्री दिये हैं। हालांकि मायावती का गांव बादलपुर वर्तमान में गौतमबुद्धनगर जिले का हिस्सा है। वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल और प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह भले ही जिला अलीगढ के मूल निवासी हैं पर यह जिला उनकी कर्मस्थली रहा है। देश के प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह के पूर्वज जिले के भटौना गांव से जुड़े थे। बाद की पीढी मेरठ में नूरपुर में जाकर बस गये। 





11 फरवरी को होने वाले प्रथम चरण के मतदान में बुलन्दशहर की सात विधानसभा सीट पर खडे 67 प्रत्याशियों में से सात के भाग्य का फैसला जिले के 24,92,556 मतदाता करेंगे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सात में से दो-दो सीट कांग्रेस, बसपा, सपा और एक सीट भाजपा ने जीती थी। जिले हाॅटसीट मानी जाने वाली बुलन्दशहर सीट पर मतदाताओं की संख्या 3,81,133 है। इनमे सर्वाधिक 31 प्रतिशत मुस्लिम, 11 प्रतिशत जाटव, नौ प्रतिशत जाट, छह -छह प्रतिशत वैश्य, राजपूत और आठ-आठ प्रतिशत लोध और राजपूत मतदाता हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के हाजी अलीम ने भाजपा के पूर्व केबिनेट मंत्री वीरेन्द्र सिंह सिरोही को 7947 मतों से हराया था। हाजी अलीम को कुल 76646 मत मिले थे। इस बार विधानसभा चुनाव में हाजी अलीम, वीरेन्द्र सिंह सिरोही, क्रमशः बसपा एवं भाजपा के प्रत्याशी हैं। डिबाई से दो बार विधायक रहे गुडडू पंडित को रालोद ने और सपा ने सुजात आलम को टिकट देकर मैदान में उतारा है। हाजी अलीम जहां हैट्रिक के इरादे से चुनावी दंगल में उतरे हैं तो वीरेन्द्र सिरोही 2012 में मिली शिकस्त का बदला लेने के मैदान में है। दोनों के चुनावी गणित को रालोद के गुडडू पंडित से कड़ी चुनौती मिल रही है। स्याना सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के देवेन्द्र सिंह लोधी और कांग्रेस के आरिफ मौहम्मद सैय्यद के बीच है। यहां 3,71,590 मतदाता हैं। इनमे 22 प्रतिशत लोध राजपूत, 17 प्रतिशत मुस्लिम, 15 प्रतिशत जाटव, नौ प्रतिशत ब्राह्मण, आठ प्रतिशत जाट मतदाता है। वैश्य, त्यागी, गुर्जर और राजपूत मतदाताओं की संख्या चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दिल नवाज खान ने 53887 वोट लेकर बसपा के देवेन्द्र भारद्वाज को 1664 वोट से मात दिया था। भाजपा प्रत्याशी को मात्र 9045 मत से संतोष करना पडा था और इनकी जमानत तक जब्त हो गयी थी। इस बार बहुजन समाज पार्टी(बसपा) ने इस सीट पर दिलनवाज खान को और राष्ट्रीय लोक दल(रालोद) ने ठा. सुनील सिंह को प्रत्याशी बनाया हैं। भाजपा ने नये चेहरे देवेन्द्र सिंह लोधी को तो कांग्रेस ने आरिफ मौहम्मद सैय्यद को उम्मीदवार बनाया है। जीत- हार की लड़ाई भी इन्ही के बीच नजर आ रही है। 





शिकारपुर सीट से बसपा, भाजपा और (राष्ट्रीय लोक दल) रालोद में त्रिकोणात्मक संघर्ष बताया जा रहा है। वर्ष 2012 के चुनाव में सपा के टिकट पर विजयी रहे मुकेश शर्मा इस बार रालोद के टिकट पर मैदान में हैं तो बसपा के टिकट पर हार का स्वाद चखने वाले अनिल शर्मा इस बार भाजपा के उम्मीदवार हैं। बसपा ने मुकुल उपाध्याय और कांग्रेस ने उदयकरण दलाल को टिकट दिया है। दोनों को एक दूसरे पर भारी पडना बताया जा रहा है। इसी सीट पर भाजपा विद्रोही शान्तिस्वरूप शर्मा भी खड़े है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 3,10,578 है। इनमें जाटव 19 प्रतिशत, मुस्लिम 16 प्रतिशत, जाट 15 प्रतिशत, नौ-नौ प्रतिशत ब्राह्मण और राजपूत और वैश्य, मीणा एवं लोध राजपूत मतदाताओं का अनुपात चार-चार प्रतिशत हैं। वाल्मीकि, खटिक, पाल, गोस्वामी, सैनी वोटर भी अच्छी तादात में है। मुख्य संघर्ष बसपा, भाजपा, रालोद में नजर आ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी इसे छुपे रूस्तम बनाने में जुटा है। सिकन्द्राबाद सीट पर बसपा ने हाजी इमरान, रालोद ने जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष आशा यादव, सपा ने एमएलसी जीतेन्द्र यादव के पुत्र व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद राहुल यादव को टिकट दिया है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 3,75,107 है जिसमें मुस्लिम 23 प्रतिशत, जाटव 15 प्रतिशत, राजपूत, गुर्जर, जाट, यादव, ब्राह्मण आठ-आठ प्रतिशत है, वैश्य तीन प्रतिशत है। मुख्य मुकाबला भी भाजपा, बसपा, सपा और रालोद में चतुष्कोणीय मुकाबला बताया जा रहा है। गंगा किनारे बसे अनूपशहर सीट पर बसपा के चौधरी गजेन्द्र हैट्रिक की इच्छा से मैदान में हैं। भाजपा ने संजय शर्मा, रालोद ने होशियार सिंह, सपा ने 2012 के रनर रहे हिमायत अली को टिकट दिया है। संजय शर्मा 2007 में उमा भारती की जनशक्ति पार्टी से इसी सीट से लड़े थे और वह मात्र चार अंक भी पार नहीं कर पाये थे, वहीं रालोद के टिकट पर मैदान में उतरे होशियार सिंह इसी सीट से 1989 में जनता दल व 1996 में निर्दलीय के रूप में चुनाव जीत चुके हैं। बीते सात आठ वर्ष से वे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के साथ थे। इसबार भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वह रालोद के टिकट पर मैदान में हैं। यहां भी मुकाबला चतुष्कोणीय है।

खुर्जा (सु) से 2012 में कांग्रेस के बंशीसिंह पहाड़िया अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के होराम सिंह को 37,304 मतो से हराकर विजयी हुये थे। भाजपा के सतीश वाल्मीकि को 38,181 वोट और सपा के नंदकिशोर वाल्मीकि को 2550 वोट मिले थे। कांग्रेस ने बंशीसिंह पहाड़िया को भाजपा ने बिजेन्द्र खटीक, बसपा ने अर्जुन सिंह और रालोद ने मनोज गौतम को टिकट दिया है। इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस एवं रालोद में त्रिकोणात्मक संघर्ष है। वहीं बसपा से विद्रोह कर रालोद की सीट पर लड़ रहे मनोज गौतम इसे चतुकोष्णीय बनाने के प्रयास में हैं। हाईप्रोफाइल सीट रही डिबाई से प्रदेश के दो बार मुख्य मंत्री रहे कल्याण सिंह विजयी रह चुके हैं। 1957 से लेकर 1974 तक जनसंघ के टिकट पर, और 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर बाबू हिम्मत सिंह इस सीट से जीते। कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह भी इस सीट से जीत कर विधायक बने और बाद में मुलायम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। 2007 एवं 2012 में वे गुडडू पंडित के मुकाबले चुनाव हार गये थे। इस बार कल्याण सिंह परिवार का कोई सदस्य यहां से मैदान में नहीं है। भाजपा ने कांग्रेस से आयी अनिता लोधी, सपा ने हरीश लोधी, बसपा ने देवेन्द्र भारद्वाज और रालोद ने सतवीर यादव को मैदान में उतारा है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा, सपा और बसपा के बीच है। बीते चुनाव में सपा के गुडडू पंडित जंक्रापा के राजवीर सिंह को 3597 वोट से हराकर जीते थे। बसपा को 38,160 वोट मिले जबकि भाजपा को 3419 मत से ही संतोष करना पडा था। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 3,33,094 है। इनमें 34 प्रतिशत लोध राजपूत और जाटव एवं 14 फीसदी में ब्राह्मण, मुस्लिम, तथा आठ-आठ प्रतिशत जाट, राजपूत, चार प्रतिशत वैश्य दो प्रतिशत हैं। कश्यप, निषाद, यादव, पाल, खटिक मतदाताओं की संख्या भी 14 से 15 प्रतिशत है। विधानसभा चुनाव 2017 के लिए जिला प्रशासन ने कुल 2561 मतदान केन्द्र स्थापित किये हैं। इनमें से 454 बूथ ऐसे होंगे जहां महिला मतदानकर्मी तैनात होंगी। ये बूथ ऐसे इलाकों में बनेंगे जहां मुस्लिम महिला मतदाता बहुतायत में है। 

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