सूचना प्राप्त करने से रोका नहीं जा सकता : के.डी. खान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 28 जनवरी 2017

सूचना प्राप्त करने से रोका नहीं जा सकता : के.डी. खान

can-not-refuge-to-provide-information-k-d-khan
इंदौर, 28 जनवरी, मध्यप्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त के.डी. खान ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लोकतंत्र को मजबूत करने का सबसे बड़ा अस्त्र साबित हो रहा है ,इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति जिसको लगता है कि उसके अधिकारों का हनन या अतिक्रमण किया गया है या शासकीय सेवा में रहते हुए किसी अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार या गलत कार्यवाही की गई है तो उसकी सूचना प्राप्त कर सकता है। श्री खान ने आज यहां इन्दौर कलेक्ट्रेट में पहली लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए कहा कि इन्दौर में इस प्रकार की यह पहली लोक अदालत है। उन्होंने कहा कि किसी भी आरटीआई के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले आवेदन पर सूचना उपलब्ध कराने का कार्य लोक सूचना अधिकारी का होता है। यदि वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सूचना देने से मना किया जाता है तो उसे नोटशीट पर लेकर उल्लेख किया जाये। जिससे सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति को समयसीमा के बाद सूचना प्राप्त होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। श्री खान ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरणों को निपटाने के लिये लोक अदालत के साथ-साथ सूचना के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत कैम्प, वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। इस अवसर पर सूचना आयुक्त सुखराज सिंह ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लोकतंत्र के लिये एक अच्छा हथियार है। इस अधिनियम के द्वारा कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग से सूचना प्राप्त कर सकता है। शासकीय अधिकारियों के द्वारा यदि कोई गलत काम किया जा रहा है तो सूचना प्राप्त कर उसके विरूद्ध कार्यवाही व आम जनता को बता सकता है। इसका सही रूप से उपयोग करने पर समाज व प्रदेश के लिये बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। सूचना आयुक्त आत्मदीप ने अपने उदबोधन में कहा कि शासन और शासकीय अनुदान से चलने वाले संस्थान इस अधिनियम के माध्यम से जनता के प्रति जवाबदेह बने हुए हैं। इस कानून के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति अपने हितों की रक्षा कर सकता है और विभाग और शासकीय संस्थानों में हो रही मनमानी से स्वयं को सुरक्षित भी रख सकता है। इस अधिनियम का मूल उद्देश्य सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय है। सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश सूचना आयोग 2014 से लगातार नये आयाम स्थापित कर रहा है। इन्दौर संभाग में इसके पूर्व तीन हजार से अधिक प्रकरण लंबित थे और 2014 के बाद दो हजार आठ सौ प्रकरण आये और आयोग के द्वारा पांच हजार आठ सौ प्रकरणों में से चार हजार दो सौ से अधिक प्रकरण निराकृत किये जा चुके हैं। 





श्री त्रिवेदी ने कहा कि इन्दौर संभाग की पहली लोक अदालत में से 1500 प्रकरण में से 910 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये हैं, जिनका आज निराकरण किया जायेगा। इन्दौर संभाग के 170 अधिकारियों पर अभी तक 23 लाख रूपये से अधिक का जुर्माना किया गया है और तीन लाख रूपये हितग्राहियों को भी दिलाया गया है। श्री त्रिवेदी ने सुनवाई के दौरान सभी लोक सूचना अधिकारियों को यह निर्देश भी दिये कि उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाये, जिससे सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति को आरटीआई आवेदन लगाने के पूर्व ही बता दिया जाये कि यह सूचना इस वेबसाइट पर उपलब्ध है जहां से उसे प्राप्त कर सकते हैं। इससे सूचना के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत आने वाले आवेदनों में कमी आयेगी और कोई भी व्यक्ति उस वेबसाइट के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकेगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: